AGRA: व‌र्ल्ड हेरिटेज मॉन्युमेंट्स सहित अन्य प्राचीन मॉन्युमेंट्स के खुलने का निर्धारित समय तो है सुबह सूर्योदय के वक्त का लेकिन, ऐसा हो नहीं रहा है। मॉन्युमेंट्स को खोले जाने को लेकर मनमानीपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो मॉन्युमेंट को तय समय से घंटों लेट नहीं खोला जाता। हालात यह हैं कि इस स्थिति को देखने वाला कोई नहीं है।

हो रही भारी लापरवाही

मॉन्युमेंट को समय से नहीं खोले जाने का यह मामला है कांच महल का। इस संरक्षित मॉन्युमेंट को लेकर लापरवाही का ही आलम है कि सुबह जिस समय इसको खुल जाना चाहिए उस समय कोई भी सरकारी कर्मचारी फटकता तक नहीं है। जबकि इस स्मारक की देखरेख और कानून का पालन कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की ओर से बाकायदा एक अधिकारी भी तैनात किया गया है।

नहीं देख पाते हैं पर्यटक

कांच महल नेशनल हाइवे नं। टू पर स्थित अकबर टॉम्ब के नजदीक ही स्थित है। हाइवे की तरफ से जो मॉन्युमेंट के संरक्षण के लिए जो ग्रिल लगाई गई है, वह भी एक ही है। एक तरह से बाहरी परिसर दोनों ही मॉन्युमेंट्स का एक ही है। इसीलिए सिकंदरा देखने के लिए आने वाले लोग कांच महल भी देख लेते हैं। लेकिन, सुबह तकरीबन तीन-साढ़े तीन घंटे देरी से खुलने की वजह से तमाम देशी-विदेशी पर्यटक इस कांच महल को बिना देखे ही आगे बढ़ जाते हैं।

लटके रहते हैं ताले

आई नेक्स्ट की टीम जब हकीकत जानने के लिए मॉन्युमेंट परिसर में पहुंची तो स्थिति को देखकर दंग रह गई। हालात वैसे ही मिले जिस तरह की सूचना मिली थी। सिकंदरा मॉन्युमेंट की तरफ जाते वक्त बाई तरफ स्थित कांच महल के दरवाजे बंद दिखाई दिए। दरवाजों के नजदीक से जाकर देखा गया तो पता लगा कि ताला लटका हुआ है।

कई द्वार हैं मॉन्युमेंट के

कांच महल के कई द्वार हैं। पर्यटकों के दाखिल होने के लिए दो बड़े दरवाजे बने हुए हैं। दोनों दरवाजे मुगलकालीन हैं। लकड़ी के इन दरवाजों पर मुगलकालीन पारम्परिक नक्काशी है। सुबह के समय दरवाजे बंद रहते हैं। बड़े दरवाजों पर तो ताला नहीं दिखता है लेकिन, ध्यान से देखने पर मॉन्युमेंट के दाएं-बाएं तरफ स्थित छोटे-छोटे दरवाजों पर ताले लटके दिख ही जाते हैं। मॉन्युमेंट के दोनों बड़े दरवाजों को अंदर से ही बंद कर दिया जाता है। यही वजह है कि बड़े दरवाजों पर ताला लटका नहीं दिखाई देता है। लापरवाही का ही यह आलम है कि सिकंदरा स्थित इस मुगलकालीन मॉन्युमेंट की ओर से अधिकारियों ने अपनी आंखें मूंद ली हैं। अकबर टॉम्ब और मरियम टॉम्ब की अव्यवस्थाओं को लेकर पहले से ही सवालिया निशान लगते रहे हैं। शूटिंग के दौरान भी अकबर टॉम्ब में कायदे-कानून की धज्जियां उड़ने से भी जिम्मेदार लोग नहीं चुकते हैं।

Posted By: Inextlive