लहसुन पर GST को लेकर घमासान, हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा सब्जी या मसाला
सरकार की नजर में लहसुन सब्जी भी मसाला भीसब्जी के रूप में लहसुन बेचा जाता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगता वहीं जब वह मसाला के रूप में बेचा जाता है तो उस पर जीएसटी लग जाता है। ऐसे में कारोबारियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ग्राहकों के साथ अकसर उनकी नोकझोंक हो रही है। दरअसल सरकार ने भी इसे सब्जी और मसाला दोनों कैटेगरी में रखा हुआ है। इससे कहीं लहसुन ग्राहक को सस्ता मिल जाता है तो कहीं महंगा। इसलिए इसकी कीमत को लेकर बाजार में भ्रम बना हुआ है। परेशान होकर जोधपुर के आलू प्याज लहसुन विक्रेता संघ ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल कर दी थी।
हाईकोर्ट में अपर महाधिवक्ता श्याम सुंदर ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए राजस्थान कृषि उत्पादन बाजार एक्ट 1962 में अगस्त 2016 में संशोधन किया था। सरकार ने यह फैसला इसलिए किया था ताकि ज्यादा पैदावार पर भी किसान खुले बाजार में उचित कीमत पर लहसुन बेच सकें। नहीं तो पूर्व में लहसुन की ज्यादा पैदावार होने पर उसकी कीमत गिर जाती थी और किसानों को लागत मूल्य भी मिलना मुश्किल हो जाता था।