Hrithik Roshan has been increasingly taking his time to green light his ad and film projects. Friends say donning the director's cap could well be in the offing...


कुछ वक्त पहले ऐसी खबरें आई थीं कि ऋतिक रोशन ने एक लैपटॉप कंपनी के लिए किए एड शूट को वापस अपने पास मंगवाया ताकि वह उसे एडिट करके फाइनल टच दे सकें और इसके बाद ही उसे रिलीज किया जाए. यह अकेला ऐसा इंसिडेंट नहीं है, परफेक्शन हासिल करने की तलाश में उनकी इस कोशिश को देखकर कई लोगों को लगता है कि आमिर खान के बाद बॉलीवुड को एक नया ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ मिल गया है! Director's cut?  


ऋतिक के क्लोज सोर्सेज का कहना है कि हो सकता है कि ऋतिक डायरेक्टर बनने की सोच रहे हों. ऋतिक के फ्रेंड का कहना है, ‘आप जब भी उन्हें सेट्स पर देखेंगे, वह कभी आपको बैठे या किसी से चैट करते नजर नहीं आएंगे. वह सबसे अलग रहते हुए अपनी लाइंस प्रिपेयर कर रहे होते हैं. इस बात से भी कोई सरप्राइज नहीं होता जब वह कैमरे के पीछे का काम देखने लगते हैं.’ 

एक और सोर्स का कहना है, ‘बात जहां तक उनकी एड फिल्म्स की है तो वह इनके लिए तभी हां कहते हैं जब वह इनसे खुश होते हैं.’ ऋतिक के साथ कई बार काम कर चुकी एक इमेज मैनेजमेंट कंपनी के ज्वॉइंट एमडी शैलेंद्र सिंह कहते है΄, ‘मुझे लगता है कि एक परफेक्शनिस्ट होना कई बार आपको एक बाउंड्री में बांध देता है. ऋतिक कई रिस्पॉन्सिबिलिटीज अपने ऊपर लेने की कोशिश करने लगते हैं फिर चाहे वह स्क्रिप्ट राइटर की हो या सेट डिजाइनर वगैरह की ही क्यों ना हो.’ शैलेंद्र कहते हैं कि स्टार स्टेटस हासिल कर चुके ऋतिक की इस आदत पर कोई उंगली नहीं उठाता है. उनका कहना है, ‘ऐसी सिचुएशंस में हमे΄ भी कई कॉम्प्रोमाइजेस करने पड़ते हैं. वहीं दूसरी तरफ अगर आप इन चीजों को अलाउ करते हैं तो ऐसे में आपको एक्टर का अनकंडीशनल इन्वॉल्वमेंट फेस करना पड़ता है. पर आखिर में, कोई एक्टर किसी डायरेक्टर को रिप्लेस नहीं कर सकता है. Not a smooth ride?

एक सोर्स के मुताबिक, ‘ऋतिक इंडस्ट्री के नए परफेक्शनिस्ट हैं और वह फिल्म मेकिंग के हर आस्पेक्ट में इन्वॉल्व्ड रहते हैं. वह कई बार अपनी एड फिल्म में भी इन्वॉल्वमेंट के लिए न्यूज में रहते हैं. जिस प्रॉडक्ट को भी वह एंडोर्स करते है΄ उसकी स्क्रिप्ट से लेकर एडिटिंग तक उनका इन्वॉल्वमेंट रहता है. जहां एक तरफ ऐसा करना उनके लिए फायदेमंद साबित होता है वहीं कई बार यह इंडस्ट्री में उनकी इमेज को हैप्पर करने का भी काम करता है क्योंकि ब्रैंड्स के पास अपने प्रॉडक्ट्स लॉन्च करने के लिए डेडलाइन और लिमिटेड टाइम को फॉलो करना होता है.’

Posted By: Kushal Mishra