भारत के साथ पूरी दुनिया में बर्बाद हो जाता है 1.3 बिलियन टन खाना.

दुनिया में एक तरफ लोगों को भरपेट खाना नहीं मिल पा रहा है तो वहीं दूसरी ओर उनके हिस्से का खाना फूड वेस्ट के रूप में फेंक दिया जा रहा है। चाहे अमेरिका हो या भारत सिचुएशन दोनों ही जगहें एक जैसी हैं। यहां तक कि
यूनाइटेड नेशंस ने भी अब इस बात को मान लिया है कि पूरी दुनिया में 1.3 बिलियन टन से भी ज्यादा इडेबल फूड वेस्ट हो जाता है। यूएन की मानें तो भारत जैसे डेवलपिंग नेशंस  हों या अमेरिका जैसे डेवलप्ड नेशंस, सभी जगह यह समस्या है, अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो फिर हालात को संभाल पाना बहुत मुश्किल होगा। दुनिया को भुखमरी के कगार पर आने से कोई नहीं रोक पाएगा।
एक तिहाई खाना होता  बर्बाद
हाल ही में रिओ डी जिनेरो में हुई रियो 20 समिट में यूनाईटेड नेशंस एनवॉयरमेंट प्रोग्राम में फूड वेस्ट पर गहरी चिंता जाहिर की गई। इस समिट में ‘अवॉयडिंग फ्यूचर फैमाइंस’ टाइटल के साथ एक रिपोर्ट लांच की गई। इस
रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया में हर साल होने वाला एक तिहाई फूड प्रोडक्शन जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता है। यह खाना या तो रास्ते में ही कहीं गुम हो जाता है या फिर कंज्यूमर्स इसे यूं ही फेंक देते हैं। खाने की यह बर्बादी हर साल 1.3 बिलियन टन तक होती है।

रिपोर्ट की मानें तो-

नॉर्थ अमेरिका और यूरोप में कंज्यूमर्स 222 मिलियन टन खाने की बर्बादी कर डालते हैं। वहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सब-सहारा अफ्रीका में टोटल फूड प्रोडक्शन हर साल 230 मिलियन टन तक होता है.

 
अमेरिका में 25 परसेंट बर्बादी
यह रिपोर्ट स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ फूड एंड बायोटेक्नोलॉजी और फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की ओर से की गई स्टडी पर बेस्ड है। रिपोर्ट कहती हैं कि खेत से लेकर डाइनिंग टेबल तक हर ओर खाने को भरपूर मात्रा में बर्बाद किया जाता है। लेकिन मीडियम और हायर इनकम कंट्रीज में खाने की सबसे ज्यादा बर्बादी होती है। यहां तक की अगर खाना खाने के लायक है तो भी इसे फेंक दिया जाता है। जहां अमेरिकंस हर साल 25 परसेंट तक खाने की बर्बादी करते हैं तो ब्रिटिश करीब एक तिहाई खाने को फेंक देते हैं।
भारत भी नहीं पीछे
रिपोर्ट में हालांकि भारत का जिक्र तो नहीं था लेकिन इससे पहले आई तमाम रिपोट्र्स में यह बात कही गई है कि भारत में भी खाने की खूब बर्बादी होती है। इन सभी रिपोट्र्स में एक ही बात थी कि यहां पर होने वाली शादियां खाने की बर्बादी की सबसे बड़ी वजह बनती जा रही हैं। पिछले साल रिलीज हुई रिपोर्ट में कहा गया था कि जैसे-जैसे भारत में लोगों के पास पैसा आ रहा है वो शादियों पर जमकर खर्च करना सीख गए हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा खर्च खाने पर होता है। लोग चाइनीज, कांटीनेंटल, जापानी और इंडियन, हर तरह की रेसिपीज शादियों में सजाकर रखते हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद इसे या तो किसी डस्टबिन में फेंक दिया जाता है या फिर जानवरों को खिला दिया जाता है।
सरकार ने माना होती है बर्बादी
भारत में तेजी से इडेबल प्रोडक्ट्स के दामों में इजाफा हो रहा है। जिस तरह से रोज दाम बढ़ रहे हैं उसने एशिया के 64 मिलियन लोगों को गरीबी में ढकेल दिया है। फूड मिनिस्ट्री के मुताबिक हर साल भारत में 10 लाख शादियां और सोशल इवेंट्स ऑर्गनाइज होते हैं और इनमें खाने की भी खूब बर्बादी होती है। फूड मिनिस्टर की मानें तो शादियों और दूसरे फैमिली फंक्शंस में जितना खाना बर्बाद होता है वो मुंबई की स्लम पॉपुलेशन का पेट भरने के लिए काफी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अनाज की बर्बादी पर कड़ा रुख अख्तियार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस बात को तय करने के लिए कहा था कि अनाज सडऩे के बजाय हर जरूरतमंद को असानी से मुहैया कराए जाए।

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Posted By: Inextlive