Dehradun : उत्तराखंड के नवनिर्माण व विकास में एनवॉयरमेंट साइंस जियोलॉजी जैसे पहलुओं को समान इंपोर्टेंस दी जाएगी. आर्थिक विकास व इकॉलोजी में बैलेंस कायम किया जाएगा. जिस प्रकार आर्थिक प्रगति के लिए जीडीपी के आंकड़े एकत्र किए जाते हैं उसी प्रकार एनवॉयरमेंट के क्षेत्र में कितनी प्रोग्रेस हुई इसके लिए जीडीपी के आंकड़े भी कलेक्ट किए जाएंगे. सीएम मंडे को प्रसिद्ध एनवॉयरमेंटलिस्ट व टेरी के डीजी डा. आर के चौधरी की मौजूदगी में एनवॉयरमेंट सूचकांक विकास समिति की बैठक में अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे. इसके लिए अगस्त माह में समिति की बैठक होगी. सीएम ने कहा कि सितंबर महीने में दिल्ली में कांफ्रेंस आयोजित होगी. जिसमें सभी हिमालयी राज्यों व हिमालयी देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा. इस कांफ्रेंस में हिमालयी क्षेत्र के सुरक्षित व सतत विकास की रुपरेखा तैयार की जाएगी. सीएम ने कहा कि हेमकुंड साहिब व चारधाम के लिए वैकल्पिक मार्ग टनल आधारित मार्गों के निर्माण की संभावनाएं लैंड स्लाइड जोन के ट्रीटमेंट कनेक्टिविटी के लिए केबिल-कार के यूज पर विचार विमर्श किए जाने की आवश्यकता है.


आर्कटिक काउंसिल जैसा होसीएम ने स्वीकारा कि 300 विलेजेज का रि-हैबिलिटेशन किसी चैलेंज से कम नहीं है। इसमें एनवॉयरमेंट स्पेशलिस्ट्स व साइंटिस्ट्स की अहम भूमिका होगी। टेरी के डीजी डा। आर के पचौरी ने कहा कि जिस प्रकार से आर्कटिक क्षेत्र के लिए आर्कटिक काउंसिल है, वैसी ही आवश्यकता हिमालयी क्षेत्र के लिए भी है। ये प्रयास न केवल उत्तराखंड के लिए, बल्कि पूरे हिमालय के लिए फायदेमंद होगा। वही हेस्को के फाउंडर डा। अनिल जोशी ने कहा कि पर्यावरण सूचकांक से संतुलित विकास की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इकोलॉजी व इकोनॉमी में बैलेंस होगा। खासकर आर्थिक विकास के लिए ग्लेशियर, फॉरेस्ट, नदी, वायु, स्वॉयल कंजर्वेशन से संबद्ध करने की जरूरत है। इस मौके पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की के ई.आरडी सिंह, वाडिया के डायरेक्टर प्रो। अनिल गुप्ता, एफआरआई के डायरेक्टर डा। डीपी भोजवैद, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट, आईआईटी रुड़की सहित कई एनवॉयरमेंटलिस्ट मौजूद थे।

Posted By: Inextlive