-जुलाई, 2018 में आना था फाइनल रिजल्ट, अभी परीक्षा में उलझे हैं स्टूडेंट्स

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क्कन्ञ्जहृन् : आईटीआई की परीक्षा राजधानी पटना समेत अन्य जिलों के स्कूलों में ली जा रही है। यह तीसरा मौका है जब सेमेस्टर थर्ड की परीक्षा रद की गई है। परीक्षा से मात्र एक दिन पहले स्टूडेंट्स को एडमिट कार्ड दिया गया और मात्र दस दिन पहले यह बताया जाता है कि जुलाई में सेमेस्टर थर्ड की रद हुई परीक्षा अब ली जा रही है, जो 25 अक्टूबर तक चलेगी। इसमें बहुत कम संख्या में परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। इससे पहले जनवरी, 2018 में सेमेस्टर थर्ड के तीन थ्योरी पेपर और एक प्रैक्टिकल पेपर की परीक्षा रद हुई थी। स्टूडेंट्स का कहना है कि परीक्षा केवल वहां दोबारा ली जाए, जहां नकल होने की बात कही गई है। जबकि यह परीक्षा रद करते हुए पूरे बिहार में ली जा रही है।

क्या हुआ पहली बार

पहली बार आईटीआई के थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा जनवरी के अंतिम हफ्ते में ली गई थी। जिसमें थ्योरी वन, थ्योरी टू और थ्री पेपर की परीक्षा ली गई थी। इसके अलावा एक प्रैक्टिकल पेपर ड्राइंग था, जो ट्रेड आधारित था। जैसे इलेक्ट्रिकल वालों का इलेक्ट्रिकल ड्राइंग और मैकेनिकल वालों का मैकेनिकल ड्राइंग। यह परीक्षा राज्य भर के विभिन्न आईटीआई कॉलेजों में ली गई थी। लेकिन बिहार के एक सेंटर पर परीक्षा में नकल होने की बात कह इसे रद कर दी गई।

दूसरी बार भी परीक्षा रद

ज्ञात हो कि जनवरी के अंतिम हफ्ते में सेमेस्टर थर्ड की परीक्षा पुन: जुलाई के अंतिम हफ्ते में ली गई। इसमें सेमेस्टर थर्ड का थ्योरी पेपर वन, थ्योरी पेपर टू और ड्राइंग के एक प्रैक्टिकल पेपर का एग्जाम लिया गया। इसी परीक्षा में फोर्थ सेमेस्टर का एक थ्योरी पेपर वन और एक प्रैक्टिकल पेपर लिया गया। लेकिन इसका रिजल्ट देने के बजाय स्टूडेंट्स को दस दिन पूर्व बताया गया कि परीक्षा अक्टूबर में होनी है।

छूट रहा जॉब में अप्लाई का मौका

यदि परीक्षा समय पर हो जाती तो जुलाई, 2018 में ही सत्र 2016-18 के स्टूडेंट्स को डिग्री मिल जाती। लेकिन अभी तक वे परीक्षा में ही उलझे हैं। छात्रों का कहना है कि परीक्षा में देरी से रिजल्ट मिलने में भी देर होगा। इस कारण रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा के लिए वे अप्लाई ही नहीं कर पा रहे हैं। इसी प्रकार, कुछ दिनों में स्टील ऑथारिटी ऑफ इंडिया और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल सहित अन्य बड़े संस्थानों में जॉब के लिए अप्लाई करने से वंचित रह जाएंगे।

इन विषयों की ली जा रही परीक्षा

फिलहाल 23 अक्टूबर से शुरू हुई परीक्षा में सेमेस्टर थर्ड का एक प्रैक्टिकल पेपर (ड्राइंग) और सेमेस्टर फोर्थ का थ्योरी पेपर वन और थ्योरी पेपर टू शामिल है। यह परीक्षा सत्र 2016-18 की है। यदि परीक्षा समय से हुई होती तो यह जुलाई, 2018 में ही पूरा हो गई होती। यह परीक्षा देशभर में एनसीवीटी यानि नेशनल काउंसिल फोर वोकेशनल ट्रेनिंग के निर्देशानुसार एक साथ होती है। लेकिन सिर्फ बिहार में रद कर यह परीक्षा फिर से ली जा रही है।

4 दिन की जगह लग रहे 12 दिन

यह बात हैरान करने वाली है, लेकिन सच है। दरअसल, आईटीआई के अंतर्गत अलग-अलग ट्रेड होते हैं। इस परीक्षा को (एआईटीटीई) यानि ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट कहा जाता है। इसके अंतर्गत इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और फीटर ट्रेड की पढ़ाई होती है। एक ट्रेड की परीक्षा में चार दिन का समय लगता है। जिसमें तीन पेपर थ्योरी होता है और एक प्रैक्टिकल का पेपर होता है। लेकिन यह परीक्षा तीसरी बार रद की गई है। इस प्रकार एक पेपर के परीक्षार्थी को 12 दिन लग रहा है। जबकि अब तक रिजल्ट का कोई पता ही नहीं है।

स्टूडेंट्स की मांग

आईटीआई के स्टूडेंट चंदन कुमार, मानव राज और दीपक कुमार सहित अन्य स्टूडेंट्स ने मांग की है कि सभी सेंटर को रद करने की बजाय केवल उस सेंटर की परीक्षा दोबारा ली जानी चाहिए थी जहां नकल हुआ था। यदि परीक्षा दोबारा ली जा रही है तो कम से कम एक माह पहले सूचना होनी चाहिए। ताकि परीक्षा की समुचित तैयारी हो। परीक्षा किसी आईटीआई में हो, न कि स्कूल में।

स्टूडेंट्स के सवाल और अधिकारी के जवाब

आईटीआई स्टूडेंट्स के सवाल और श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह के जवाब

सवाल- (आईटीआई स्टूडेंट्स के सवाल) - परीक्षा के लिए पर्याप्त समय क्यों नहीं मिला। मात्र दस दिन पहले परीक्षा की सूचना मिली।

जवाब- परीक्षा की तिथि मैंने नहीं तय किया। यह तिथि भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई।

सवाल -परीक्षा में जहां नकल हुआ था केवल वहीं दोबारा परीक्षा ली जानी चाहिए थी। पूरे बिहार की परीक्षा क्यों रद की गई?

जवाब- मैं बस यही कहूंगा कि

यह बस बहाना है। जो छात्र पढ़ाई करते हैं उनके लिए यह समस्या नहीं है?

सवाल - प्रैक्टिकल विषय जैसे ड्राइंग की परीक्षा स्कूलों में कैसे ली जाएगी?

जवाब- प्रैक्टिकल की परीक्षा आईटीआई सेंटरों पर ही कराई जाएगी, स्कूलों में मात्र थ्योरी की परीक्षा हो रही है।

सवाल- क्या जो स्टूडेंट्स अभी सिर्फ एक पेपर किसी कारण से नहीं दे सके, बाकी पेपर में अपीयर हुए हैं, क्या उनका रिजल्ट होगा?

जवाब- बिल्कुल नहीं, जो स्टूडेंट्स एक पेपर में भी अबसेंट हैं, उनका यह साल बर्बाद हो जाएगा। परीक्षा का बायकॉट करने वाले अपना ही नुकसान कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive