Gorakhpur : हम दो हमारे दो. ये चार शब्द यूथ की फैमिली प्लानिंग का आधार है. इसके सहारे गवर्नमेंट से लेकर यूथ तक चल रहे है. महंगाई की मार और बढ़ती पापुलेशन का साइड इफेक्ट झेल रहे गोरखपुराइट्स की अब ये स्ट्रेटजी बन चुकी है. मगर उनकी यह प्लानिंग कहीं भारी न पड़ जाए. क्योंकि फैमिली प्लानिंग के लिए यूज की जा रही ड्रग और अन्य तरीके के कई साइडइफेक्ट भी है. जो कई गंभीर बीमारियां फ्री में बांट रहे हैं. हालांकि डॉक्टर्स एडवाइस के बाद यूज किए जा रहे प्लानिंग के तरीके का नुकसान काफी कम है.

हर दूसरा यूथ कर रहा फैमिली प्लानिंग
बढ़ती पापुलेशन के कारण जहां गवर्नमेंट फैमिली प्लानिंग के लिए अनेक स्कीम चला रही है, वहीं महंगाई की मार से परेशान यूथ कपल्स फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं। सिटी का हर दूसरा शख्स एक के बाद अभी नहीं, दो के बाद कभी नहीं, लाइन को फॉलो कर रहा है। क्योंकि यूथ अब छोटी फैमिली को अधिक प्रिफर कर रहे है। पहले जहां सात से आठ भाई और बहन होते थे, वहीं अब एक या दो बच्चों को ही यूथ प्रिफर कर रहे है।
सिर्फ कंडोम है बेस्ट
डॉक्टर की माने तो फैमिली प्लानिंग के लिए वैसे सभी स्कीम बेस्ट है, मगर उनके कुछ न कुछ साइड इफेक्ट जरूर है। डॉक्टर रीमा गोयल ने बताया कि वैसे सभी प्लान ठीक है, मगर सबसे बेस्ट कंडोम है। क्योंकि इसका यूज करने में न तो रिस्क है और न ही कोई साइड इफेक्ट। हालांकि अन्य प्लान भी अगर डॉक्टर की एडवाइस के बाद यूज किया जाए तो रिस्क की संभावना काफी कम रहती है।
फैमिली प्लानिंग करते समय कई बातों को ध्यान में रखा जाता है। कितनी एज है, फैमिली बैकग्राउंड क्या है, थाइराइड या हार्ट की प्रॉब्लम तो नहीं है, इसके बाद तय किया जाता है कि किस तरह की प्लानिंग करनी है। क्योंकि हर प्लानिंग पर फीमेल्स पर शूट नहीं करती। साथ ही मरीज को सेल्फमेड प्लानिंग नहीं करनी चाहिए।
डॉ। रीमा गोयल, गाइनकोलॉजिस्ट
बर्थ कंट्रोल के कुछ साधन

गोली
रिस्क - ब्लड क्लॉट्स और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट अटैक का खतरा भी रहता है, अगर इससे पहले कभी भी अटैक हुआ हो तो।
साइड इफेक्ट - वेट लगातार इनक्रीज करता है। कभी-कभी बॉडी में स्वेलिंग आने लगती है। साथ ही ब्रेस्ट में खिचांव के साथ पेन काफी बढ़ जाता है।
इमरजेंसी गोली-
रिस्क - डायबिटीज के साथ साथ फीमेल्स में ब्लड सुगर का लेवल बढ़ जाता है।
साइड इफेक्ट - पीरियड्स में अक्सर चेंज आने लगता है। पेट में अक्सर दर्द, मिचली, थकावट, सिर दर्द रहता है।
आईयूडी
रिस्क - इंफेक्शन, ब्लड क्लाट्स और स्ट्रोक का खतरा।
साइड इफेक्ट - इंफेक्शन होने के साथ वेट इनक्रीज करता है। ब्रेस्ट में खिंचाव के साथ पेन भी हो सकता है।
रिंग
रिस्क - स्ट्रोक और ब्लड क्लाट्स के खतरे का इजाफा। हार्ट अटैक का खतरा।
साइड इफेक्ट - प्राइवेट पार्ट्स में खुजली और इंफेक्शन। सिर दर्द के साथ वेट बढ़ता है।
शॉट
रिस्क - प्रेग्नेंसी में देरी। कैल्शियम की कमी। हार्ट अटैक का खतरा। ब्लड क्लाट्स और स्ट्रोक का खतरा।
साइड इफेक्ट - वेट बढ़ना, पीरियड्स अनियमित। टेंशन, प्रेशर, बाल कमजोर होना।
पैच
रिस्क - ब्लड क्लाट्स और स्ट्रोक का खतरा।
साइड इफेक्ट - वेट इनक्रीज होना। इस्तेमाल करने वाले स्थान पर जलन, स्वेलिंग, ब्रेस्ट में पेन और कमजोरी।
कंडोम
रिस्क - फिलहाल अभी तक कोई खतरा नहीं है
साइड इफेक्ट - लैटेक्स से एलर्जी होने पर जलन, खुजली या एलर्जी हो सकती है।

 

report by : kumar.abhishek@inext.co.in

Posted By: Inextlive