Jamshedpur: अपनी लेट लतीफी के लिए मशहूर भारतीय रेलवे अब ट्रेन के अंदर सर्व किए जाने वाले सब स्टैैंडर्ड फूड और गंदगी के लिए भी फेमस हो रही है. सिटी से खुलने वाली कई ट्रेन्स में सफर करने वाले पैैसेंजर अक्सर खाने की क्वालिटी और गंदगी के साथ-साथ ट्रेन स्टॉफ के बिहेवियर को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं.

किराया बढ़ा पर सुविधा नहीं
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर डेली करीब नौ हजार पैसेंजर्स आते-जाते हैं। इनमें से बड़ी संख्या लंबी दूरी तय करने वाले पैसेंजर्स की होती है। लंबी दूरी तय करने वाले ज्यादातर पैैंसेजर ट्रेन में मिलने वाले खाने पर डिपेंड करते हैं। पर अक्सर ये खाना यात्रियों की मजबूरी होती है। कई ट्रेन्स के पैैंट्री में मिलने वाले फूड आइटम्स  सब स्टैैंडर्ड होते हैं। गोलमुरी के रहने वाले जसप्रीत अक्सर बिजनेस के सिलसिले में दिल्ली का सफर करते हंै। उन्होंने बताया कि कई बार ट्रेन में ऐसा खाना दिया जाता है जिसे इंसान सिर्फ मजबूरी में ही खा सकता है। साकची के रहने वाले पुनित ने बताया कि आम ट्रेनों के साथ-साथ दुरंतो जैसी ट्रेन में भी खाने क्वालिटी डी ग्र्रेड होती जा रही है।

unhygienic coaches
ट्रेन्स में साफ-सफाई और हायजीन इंप्रूव करने के लिए रेलवे द्वारा कई पहल किए जाते रहे हैं। मेंटेनेंस डिपो में कोचेज की सफाई के साथ-साथ ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विस भी स्टार्ट किए गए हैं। पर इन सारी व्यवस्थाओं के बावजूद ट्रेन में साफ-सफाई का कंडीशन बेहद चिंताजनक है। पटना के रहने वाले राकेश रोशन कोलकाता में सीए की पढ़ाई करते हैं। इस क्रम में अक्सर उन्हें ट्रेन जर्नी करनी पड़ती है। राकेश ने बताया कि स्टेशन से खुलने वक्त तो ट्रेन साफ रहती है पर उसके बाद कोचेज जाहे कितनी भी गंदी हो जाएं उन्हें साफ करने कोई नहीं आता। सबसे ज्यादा बुरी कंडीशन स्लीपर और जेनरल कोचेज की होती है। बाथरूम और वॉश बेसिन की कंडीशन तो इतनी खराब हो जाती है की पैसेंजर उन्हें इस्तेमाल करने से बेहतर स्टेशन आने क इंतजार करना बेहतर समझते हैैं।

नहीं होता अच्छा behaviour
 कई बार पैसेंजर्स को ट्रेन में कोच अटेंडेंट, पैैंट्री स्टॉफ और दूसरे कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले गलत बिहेवियर का शिकार भी बनना पड़ता है। बिष्टुपुर के रहने वाले हिमांशु ने बताया कि कुछ दिनों पहले कोलकाता जाने के दौरान ट्रेन में बिकने वाली चाय के लिए पैैंट्री स्टाफ ने उनसे एक रुपए ज्यादा की मांग की। उन्होंने बताया कि कम पैसे देने पर रेट बढ़ जाने की बात कहते हुए उन्हें चाय देने से मना कर दिया गया।
इसके अलावा कई पैसेंजर्स का कहना है कि कई बार ट्रेन मे कुछ खरीदने पर खुदरा पैसा नहींहोने का बहाना बना कर पैसे रख लिए जाते हैं। पैसेंजर्स का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोच अटेंडेंट भी ध्यान नहीं देते।

नहीं हो सकता perfect इंतजाम
फूड और सफाई को लेकर हो रही इस प्रॉब्लम को पूरी तरह दूर करने से डिपार्टमेंट के बड़े ऑफिसर हाथ खड़े कर रहे हैैं। सीनियर डीसीएम केएन विश्वास सब स्टैैंडर्ड खाने की जिम्मेदारी कॉन्ट्रैक्टर्स पर डालते हुए कहा कि हर तरह की मॉनिटरिंग के बावजूद कई बार गड़बडिय़ों की आशंका बनी रहती है। सफाई के मुद्दे पर भी सीनियर डीसीएम ने कहा कि ये कॉन्ट्रैक्ट प्राइवेट एंजेंसीज को दिया जाता है, ऐसे मे थोड़ी-बहुत कमियों की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ खामियां हैं तो उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी।

साफ-सफाई और फूड की क्वालिटी की मॉनिटरिंग की जाती है, लेकिन इसके बावजूद गड़बडिय़ों की संभावना बनी रहती है। रेलवे द्वारा व्यवस्था को ठीक रखने के लिए सभी स्टेप उठाए जाते हैैं।
केएन विश्वास, सीनियर डीसीएम चक्रधरपुर रेलवे डिवीजन

ट्रेन में साफ-सफाई की कंडीशन काफी खराब है। पैैंट्री कार में मिलने वाले खाने की क्वालिटी भी घटिया होती है।
राकेश रोशन, पैसेंजर, बिष्टुपुर
कई ट्रेन्स मे पैैंट्री कार मौजूद नहीं है। इसके अलावा ट्रेन में मिलने वाली फूड की क्वालिटी भी काफी सब स्टैैंडर्ड होती है।
अमृत, पैसेंजर, नीलडीह
ट्रेन का किराया बढ़े, लेकिन ट्रेन में सुविधाएं नहीं बढ़ाई गईं। कोच में साफ-सफाई और दूसरी व्यवस्थाएं ठीक करनी चाहिए।
देवरुपा रक्षित, स्टूडेंट

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive