'वाराणसी से कंट्रोल हो सकता है इलाहाबाद'

-आईडब्ल्यूएआई के डिप्टी डायरेक्टर वाराणसी ने नोएडा ऑफिस को लिखा लेटर

- इलाहाबाद के छह में से चार स्टॉफ को वाराणसी से अटैच करने की मांग की

तो वाराणसी से कंट्रोल होगा नेशनल वाटरवे

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: गंगा के अस्तित्व को बचाए रखने और लोगों के जीवन से गंगा को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने आम बजट में नमामि गंगा प्रोजेक्ट लांच किया। नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया-इलाहाबाद को जीवित करने और उस पर जहाज चलाने का वादा किया। लेकिन हल्दिया से इलाहाबाद के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी आने के कारण, डेवलपमेंट को वाराणसी तक ही समेटा जा रहा है। फारॅनर टूरिस्टों को लेकर निकले क्रूज राजमहल को केवल वाराणसी तक ही सीमित किया गया। वहीं अब वाराणसी के डिप्टी डायरेक्टर ने तो इलाहाबाद के चार स्टॉफ को वाराणसी से अटैच करने के और चुनार से इलाहाबाद वाटर वे को वाराणसी से ही कंट्रोल करने के लिए लेटर लिखा है। जबकि इलाहाबाद में केवल छह स्टॉफ हैं। ये इलाहाबाद ऑफिस को बंद करने और वाराणसी से अटैच करने की साजिश नहीं तो और क्या है?

वाराणसी तक ही चलाया गया राजमहल

नमामि गंगा प्रोजेक्ट लांच होने और नेशनल वाटरवे-क् को डेवलप करने के प्रयास के बाद पहली बाद हल्दिया फारनर टॅयूरिस्टों के लिए क्रूज चलाया गया। लेकिन इस क्रूज को हल्दिया से वाराणसी और पटना से वाराणसी तक ही सीमित रखा गया। इलाहाबाद तक इसे नहीं लाया गया। चूंकि वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है, इसलिए आईडब्ल्यूएआई का ध्यान वाराणसी पर ही है।

आई नेक्स्ट ने पहले ही जता दी थी आशंका

सितंबर के फ‌र्स्ट वीक में आई नेक्स्ट ने अपने इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट के जरिए ये बता दिया था कि आईडब्ल्यूएआई का नेशनल वाटरवे को इलाहाबाद तक डेवलप करने का कोई प्लान नहीं है। पहला टार्गेट बनारस है। इलाहाबाद तक के लिए जिस प्लान की बात कही जा रही है, उसे यहां तक आने में कई साल लग सकते हैं। अब आईडब्ल्यूएआई अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी यही साबित कर रही है कि उनकी प्लानिंग क्या है।

आखिर ये कैसा डेवलपमेंट

अगर नेशनल वाटर वे-क् को डेवलप करने के साथ ही हल्दिया से इलाहाबाद तक गंगा की धारा पर जहाज चलाने की प्लानिंग है तो फिर इलाहाबाद के स्टॉफ को वाराणसी अटैच करने की प्लानिंग क्यों? आइए बताते हैं एक हकीकत

वाराणसी की तरह इलाहाबाद भी है क्षेत्रीय कार्यालय

भारतीय जहाज रानी मंत्रालय के अधिन इनलैंड वाटर वे अथारिटी ऑफ इंडिया का नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया से इलाहाबाद, सबसे बड़ा जलमार्ग है, जो क्म्ख्0 किलोमीटर का है। नेशनल वाटरवे को मेंटेन करने के लिए वाराणसी की तरह इलाहाबाद भी क्षेत्रीय कार्यालय है, जहां असिस्टेंट डायरेक्टर या फिर डिप्टी डायरेक्टर का पोस्ट है। लेकिन यहां पर सेकेंड क्लास ऑफिसर ही तैनात हैं।

दफ्तरी को लेकर तैनात है छह स्टॉफ

इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में असिस्टेंट डायरेक्टर या फिर सेप्रेट डिप्टी डायरेक्टर के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों का पूरा स्टॉफ होना चाहिए। लेकिन यहां पर इस समय कुल छह स्टॉफ तैनात हैं। जिनमें जेएचएस, एकाउंट असिस्टेंट, टेक्निकल असिस्टेंट, एलडीसी, फील्ड असिस्टेंट और दफ्तरी शामिल हैं।

छह में से चार स्टॉफ को वाराणसी अटैच करने की मांग

इलाहाबाद ऑफिस में सेकेंड ग्रेड ऑफिसर जेएचएस के अंडर में कुल छह कर्मचारियों का स्टॉफ तैनात है। आईडब्ल्यूएआई के डिप्टी डायरेक्टर वाराणसी एके मिश्रा ने इन छह स्टॉफ में से चार स्टॉफ अकाउंट असिस्टेंट, जेएचस, एलडीसी और टेक्निकल असिस्टेंट को इलाहाबाद ऑफिस से हटाकर वाराणसी से अटैच करने की मांग की है। लेटर में लिखा है कि वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों की विकास को लेकर अपेक्षाएं बहुत ज्यादा है। इसलिए काम भी ज्यादा है। वाराणसी ऑफिस में काम में दिक्कत न हो और डेवलपमेंट को आगे बढ़ाया जा सके, इसलिए इलाहाबाद ऑफिस स्टॉफ को वाराणसी से अटैच किया जाए। ताकि वाराणसी में डेवलपमेंट के कार्य को स्पीड पकड़ाया जा सके। लेटर में यह भी लिखा है कि चुनार से इलाहाबाद के स्ट्रेच को वाराणसी ऑफिस से कंट्रोल कर लिया जाएगा। इस काम में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

तो क्या फील्ड ऑफिसर और दफ्तरी संभालेंगे ऑफिस

छह में से चार स्टॉफ को वाराणसी से अटैच करने की मांग इलाहाबाद ऑफिस को बंद करने की साजिश नहीं तो और क्या है। जब यहां छह में से चार अधिकारी कर्मचारी नहीं रहेंगे तो कार्यालय क्या फील्ड असिस्टेंट और दफ्तरी चलाएंगे।

आईडब्ल्यूएआई ने नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया-इलाहाबाद के डेवलपमेंट को लेकर काफी प्लानिंग की है। लेकिन प्लानिंग के बारे में हम नहीं बता सकते हैं। हेड ऑफिस नोएडा ही बता सकता है। जहां तक इलाहाबाद ऑफिस स्टॉफ को वाराणसी शिफ्ट करने की बात है, तो मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। डेवलपमेंट को लेकर विभाग में कई लेटर भेजे जाते हैं।

एके मिश्रा

डिप्टी डायरेक्टर

आईडब्ल्यूएआई

वाराणसी

सांसद बोले

हमें इलाहाबाद में विकास चाहिए और विकास में बाधा किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने इलाहाबाद को वाराणसी से अटैच करने के लिए लेटर लिखा है, तो इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी से मुलाकात करने के साथ ही बात की जाएगी। नेशनल वाटर वे के डेवलपमेंट को वाराणसी तक ही सीमित नहीं रहने दिया जाएगा। इलाहाबाद ऑफिस को किसी कीमत पर बंद नहीं होने दिया जाएगा।

केशव प्रसाद मौर्या

सांसद, फूलपुर

इलाहाबाद

Posted By: Inextlive