बाबा के दर्शन के लिए आपका रजिस्‍ट्रेशन नहीं हुआ है तो भी कोई बात नहीं अपनी जर्नी प्‍लान कर लीलिए. अमरनाथ श्राइन बोर्ड अब ऑन द स्‍पॉट रजिस्‍ट्रेशन कर रहा है. श्रीनगर में सात करेंट रजिस्‍ट्रेशन सेंटर खोले गए हैं. देश के कोने-कोने से बड़ी संख्‍या में गैर पंजीकृत श्रद्धालुओं को देखते हुए यह व्‍यवस्‍था की गई है.


1300 से ज्यादा लोगों ने कराया करेंट रजिस्ट्रेशनआधार शिविरों में पहुंच रहे गैर-पंजीकृत श्रद्धालुओं को श्रीनगर लौटा कर पंजीकरण करवाने के लिए कहा जा रहा है. पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी यात्री निवास जम्मू में रुके बिना अधिकतर श्रद्धालु श्रीनगर पहुंच रहे हैं. जम्मू में करंट पंजीकरण के लिए तीन पंजीकरण केंद्र खोले गए हैं. रविवार को 1300 से अधिक यात्रियों ने करंट पंजीकरण करवाया था.2066 श्रद्ालुओं का चौथा जत्था रवानागौरतलब है कि सुरक्षा कारणों से बिना स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और बिना पंजीकरण कराए श्रद्धालुओं को यात्रा पर नहीं जाने दिया जा रहा है. उधर, हजारों गैर-पंजीकृत श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है, जिसे देखते हुए बोर्ड को करंट पंजीकरण शुरू करना पड़ा. इस बीच रविवार को अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू स्थित भगवती नगर यात्री निवास से 2066 श्रद्धालुओं का चौथा जत्था पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना हुआ.
20 हजार भक्तों ने किए भोले के दर्शन


अमरनाथ यात्रा में अब तक तीन दिन के भीतर 20 हजार श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं. इस बीच, रविवार को बालटाल व पहलगाम से 13,680 श्रद्धालुओं का जत्था पवित्र गुफा की तरफ रवाना हुआ. अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को नौ हजार और रविवार को 11 हजार श्रद्धालुओं भोले के दर्शन किए. बालटाल से रविवार तड़के 5,693 और नुनवन आधार शिविर से 7,995 श्रद्धालु पवित्र गुफा की तरफ रवाना हो गए. दोनों यात्रा मार्गों पर तीन बार रुक-रुक कर बारिश हुई. इसके बावजूद यात्रा सुचारु रूप से जारी रही.यात्रा ट्रैक में हुआ सुधारअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने समाज सेवी संगठनों के साथ मिलकर बालटाल यात्रा मार्ग को पहले की तुलना में चौड़ा किया है. पहले यात्रामार्ग पहाड़ी की तरफ से चार से छह फीट तक चौड़ा था. अब उसे दो से चार फीट और चौड़ा किया है. काली माता पर्वत होकर बने एक अन्य मार्ग (शार्टकट) का विस्तार किया है. अब पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को काली माता पर्वत की ओर से भेजा जा रहा है. मुख्य ट्रैक (संगम प्वाइंट) से घोड़े एवं पालकी पर जाने वाले श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh