Jamshedpur: अब जमाना मल्टीटास्किंग का हो गया है. सिर्फ इंग्लिश या किसी एक भाषा को सीख कर तरक्की कर पाना मुश्किल हो जाता है. इसी बात को देखते हुए सिटी में भी इंटरनेशनल लैैंग्वेज सीखने को लेकर स्टूडेंट्स में काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. स्टूडेंट्स अब ग्लोबल लेवल पर अपनी पहचान बनाने के मकसद से इंटरनेशनल लैैंग्वेज जैसे जर्मन फ्रेंच रसियन स्पैनिश सीख रहे हैं.

सिटी के कई ऐसे प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं जो स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल लैैंग्वेज की ट्रेनिंग देते हैं। लैैंग्वेज के साथ-साथ स्टूडेंट्स को पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाती है। जर्मन के टीचर डेल पसाइन के अनुसार स्टूडेंट्स को सबसे पहले बेसिक सिखाया जाता है। जैसे इंग्लिश के अलफाबेट्स एबीसीडी, मैथ्स के नंबर वन टू थ्री को जर्मन लैैंग्वेज में क्या कहते है। फिर ग्रीट करना सिखाते हैं। धीरे-धीरे लैंग्वेज की डेप्थ में जाकर इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स के अलावा कई कॉलेज व स्कूल भी अपने स्टूडेंट्स के लिए डिफरेंट लैैंग्वेज में र्कोस करवाते हैं।
Online learning भी एक option
कई ऐसे यंगस्टर्स हैं जो इंटरनेशनल लैैंग्वेज सीखना तो चाहते हैैं लेकिन अपनी स्टडी और जॉब में इतने बिजी हो जाते हैं कि उन्हें लैंग्वेज सीखने का बिलकुल भी टाइम ही नहीं मिल पाता। ऐसे में कई यंगस्टर्स ऑनलाइन वेबसाइट्स के जरिए अपनी पसंद की लैैंग्वेज सीख लेते हैं। इंटरनेट वेबसाइट्स में तमाम ऐसे साइट्स हैं जो स्टूडेंट्स को ऑनलाइन लैैंग्वेज क्लास की ट्रेनिंग देते है। कदमा के रहने वाले रोहन टाइम नहीं होने के कारण ऑनलाइन ही जर्मन लैैंग्वेज की प्रैक्टिस करते हैैं। रोहन के अनुसार ये वेबसाइट्स कुछ पैसे लेकर बहुत ही अच्छे तरीके से किसी लैैंग्वेज को सिखा देते हैं।
For better job opportunities
एक्सपर्ट की मानें तो इंटरनेशनल लैैंग्वेज सीखने के कई फायदे हैं। मल्टीनेशनल कंपनी, इंटरनेशनल कॉल सेंटर, फॉरेन लैैंग्वेज ट्यूटर आदि कई ऐसे फिल्ड हैं, जहां स्टूडेंट्स अपना करियर बना सकते हैं। लैैंग्वेज पर अच्छी पकड़ होने से उस पर्टिकुलर कंट्री में भी जॉब की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

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'मै कॉल सेंटर में जॉब करता हूं। यहां अगर इंटरनेशनल लैैंग्वेज सीख लिया जाए तो प्रमोशन के कई चांसेस हैं.'
रोहित
'पिछले कुछ सालों में स्टूडेंट्स के अंदर इंटरनेशनल लैैंग्वेज सीखने को लेकर काफी इंट्रेस्ट जगा है.'
डेल, टीचर
'टाइम नहीं मिल पाने के कारण मैं ऑनलाइन लैैंग्वेज की ट्रेनिंग लेता हूं। मैं काफी हद तक जर्मन सीख चुका हूं.' 
रोहन, स्टूडेंट

 

Reported by

neha.verma@inext.co.in

Posted By: Inextlive