ओडिशा के पुरी में 4 जुलाई से जगन्नाथ रथ यात्रा का भव्य आगाज होगा। इस रथ यात्रा के रथ बनाने का साैभाग्य पिछले जन्म के कर्मों से मिलता है। ऐसा कहना है रथ निर्माण में जुटे रथ सेवकों का। यहां जानें इस साल रथ बनाने वाले कारपेंटर और पेंटर क्या कहते हैं...


पुरी (ओडिशा) (एएनआई)। पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ पारंपरिक कलाकारों द्वारा तैयार किए जाते हैं। ये देखने में बेहद ही खूबसूरत लगते हैं। जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के रथ बनाने का साैभाग्य हर किसी को नहीं मिलता है। रथों निर्माण का काम बहुत कम लोगों को मिलता है। इसमें पिछले जन्म के अच्छे कर्मों की खास भूमिका होती है। अच्छे कर्मों से जगन्नाथ की सेवा का माैका मिलता


एएनआई से बात करते हुए कारपेंटर, राजेंद्र कुमार मोहपात्रा ने कहा, हमारा काम लकड़ी पर शिल्प डिजाइन करना है जिस पर भगवान जगन्नाथ को बैठाया जाएगा। यहां अलग-अलग डिपार्टमेंट के लिए अलग-अलग एक्सपर्ट हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह माना जाता है कि न केवल अच्छे भाग्य बल्कि पिछले जन्म के अच्छे कर्मों से भगवान जगन्नाथ की सेवा करने का माैका मिलता है। 40 साल से भगवान जगन्नाथ की सेवा कर रहा

इसके साथ कारपेंटर राजेंद्र कुमार कहते हैं कि मुझे पिछले जन्म के अच्छे कर्मों के कारण ही भगवान जगन्नाथ स्वामी की सेवा करने का सौभाग्य मिला है। मैं और मेरा परिवार लगभग 40 साल से भगवान जगन्नाथ की सेवा करने में जुटा है। इसके साथ ही उनका कहना है कि रथ सेवक के रूप में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दाैरान लोग केवल शाकाहारी भोजन ही खाते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा : जानें कितने प्रकार की लकड़ियों से तैयार होते हैं रथकेवल शाकाहारी भोजन खाकर खुद को शुद्ध रखते पेंटर चिन्मय मोहराना का कहना है कि जब मैं 10 साल का था, तब से मैं यहां काम कर रहा था।रथ की तैयारियों का सिलसिला एक महीने पहले शुरू हो जाता है और हम इसे अच्छे से पूरा करते हैं। जगन्नाथ स्वामी के लिए काम करने के लिए, हम केवल शाकाहारी भोजन खाकर खुद को शुद्ध रखते हैं। यह काम बहुत ही महत्वपूर्ण है और यह हमें अपने भगवान के अधिक करीब महसूस कराता है।

Posted By: Shweta Mishra