दरअसल जगजीत जब मुम्बई आए तब 1965 मुंबई में उन्होने जिस शेर ए पंजाब हॉटल में डेरा था वहां कुछ ऐसे लोग थे जिन्हें हॉर्स रेसिंग का शौक था. यहीं से उन्हे यह शौक लग गया और उनकी सफलता के साथ ही उनका शौक भी परवान चढ़ता गया.


अपनी धीमी धीमी आवाज में गजल का जादू बिखेरते जगजीत सिंह को उनके फैन्स भले ही एक शान्त इंसान समझें मगर उनके शौकों और रहन सहन से वे किसी राक स्टार से कम नहीं थे. यह बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि गजलों का यह गायक हॉर्स रेसिंग का दीवाना था. जगजीत सिंह को करीब से जानने वाले यह भी जानते हैं कि उनको घोड़ों से विशेष लगाव था. कन्सर्ट के बाद उन्हे कहीं सुकून मिलता ता तो वो था मुंबई का महालक्ष्मी रेसकोर्स. दरअसल जगजीत जब मुम्बई आए तब (1965) उन्होने जिस शेर ए पंजाब हॉटल में डेरा था वहां कुछ ऐसे लोग थे जिन्हें हॉर्स रेसिंग का शौक था. यहीं से उन्हे यह शौक लग गया और उनकी सफलता के साथ ही उनका शौक भी परवान चढ़ता गया.
पुणे में होने वाली हॉर्स रेसिंग में भी जगजीत सिंह अपनी शिरकत जरूर करते थे. उनके पास अपने घोड़े भी थे. इसके अलावा लॉस वेगास के केसिनोज भी उनकी पसंदीदा जगहों  से एक हुआ करती थी.

Posted By: Divyanshu Bhard