अमरीकी न्याय मंत्रालय के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग की प्रमुख लीज़ा मोनाको ने गुलाम नबी फाई को सज़ा सुनाए जाने पर इत्मीनान जताया है.

उन्होंने कहा है कि कई दशकों से पाकिस्तानी सरकार से चोरी-छुपे धन लेकर अमरीकी नीतियों को प्रभावित करने की योजना में फ़ाई ने जो किरदार निभाया उन्हें उसी की सज़ा मिली है।

अमरीकी नागरिक औऱ कश्मीरी पृथकतावादी गुलाम नबी फाई को शुक्रवार को एक अमरीकी अदालत ने दो साल कारावास की सजा सुनाई है। फाई पर अमरीका में कश्मीर के मुद्दे पर गैर कानूनी ढंग से लॉबिंग करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से धन स्वीकार करने का अभियोग चला था।

पाकिस्तानी सरकार फ़ाई की गतिविधियों से अब भी अनभिज्ञ होने का दावा करती है। उधर वॉशिंगटन और वर्जीनिया के इलाके में फाई के परिचित और उनके साथ काम करने वाले बहुत से लोगों को अफसोस है कि उन्हें सजा सुनाई गई है।

फाई के परिचितों को अफ़सोस

फरहान हक एक पाकिस्तानी अमरीकी हैं जो फ़ाई के साथ कश्मीर मुद्दे पर अमरीकी में सक्रिय थे। वह कहते हैं, “मुझे तो बहुत अफ़सोस हुआ है कि उन्हें सजा सुनाई गई है। क्योंकि जहां तक मैं जानता हूं फाई साहब बहुत शरीफ आदमी हैं और मुझे नहीं मालूम कि उनके केस में क्या कहा गया, क्या सूबूत पेश किए गए। लेकिन अफ़सोस की बात है.”

फरहान कहते हैं कि फाई को सजा सुनाए जाने से कश्मीर के मुददे को भी नुकसान पहुंचा है। वह कहते हैं कि अब फाई को इस प्रकार के मामले में सजा होने के बाद कश्मीर के मुद्दे पर कश्मीरियों के हक में बात करने वालों पर शक किया जाएगा।

वैसे न्यायाधीश ने गुलाम नबी फ़ाई को जेल के भीतर से कश्मीर के मुद्दे पर अखबारों में लेख लिखने की इजाजत दे दी है। फाई की वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुव्वकिल 25 जून को अपनी बेटी के ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद समर्पण करेंगे। पिछले साल दिसंबर में फ़ाई ने यह मान लिया था कि वह आईएसआई से पैसे लेते थे।

सजा का फैसला सुनाए जाने से कुछ दिन पहले ही फाई ने अदालत में अर्जी दी थी जिसमें अपील की गई थी कि उन्हें कारागार में कैद की सजा न सुनाई जाए और उसके बजाए कुछ समय के लिए घर में नजरबंद कर दिया जाए।

इसके लिए दलील देते हुए उनकी अर्ज़ी में लिखा गया था कि फाई अपनी गलती मान चुके हैं और अपना जुर्म कुबूल कर चुके हैं। फाई की दलील में यह भी कहा गया था कि उनका जुर्म उतना संगीन नहीं रह जाता है जब अदालत कश्मीरी लोगों की परेशानियों को भी मद्देनज़र रखे, जिसके कारण उन्होंने ने यह जुर्म किए थे।

'अमरीका से धोखाधड़ी'अमरीकी न्यायाधीश लियाम ओ'ग्रेडी ने उनकी अपील खारिज करते हुए फाई को कारागार में दो साल कैद के बाद तीन साल की निगरानी में रखे जाने का फ़ैसला सुनाया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार न्यायाधीश ने गुलाम नबी फाई को बताया, “मैं नहीं समझता कि आप ये मानने के लिए तैयार हैं कि आपने अपने काम से अमरीका को नुकसान पहुंचाया है.एफबीआई द्वारा बताए जाने के बाद भी आपने इस तथ्य को नजरअंदाज किया। आपने अमरीका से धोखाधड़ी करने के लिए षड्यंत्र रचा। आप जानते थे कि पाकिस्तान और आईएसआई आपको इसलिए धन दे रहे थे क्योंकि आपका काम उनके हितों को साधेगा.”

इसके अलावा न्यायाधीश ने फाई पर यह भी पाबंदी लगाई है कि वह पाकिस्तान की सरकार और आईएसआई से किसी तरह के संपर्क में ना रहें। गुलाम नबी फाई को पिछले वर्ष 19 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था। बाद में उन्होंने अपने ऊपर लगे आईएसआई का एजेंट होने के आरोप स्वीकार कर लिए थे।

Posted By: Inextlive