उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों की ऐश अब खत्म होने वाली है. डीजी ने जेलकर्मियों और बंदियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिये रणनीति तैयार की है.

-जेलों में बंदियों और जेलकर्मियों के बीच नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिये कवायद

-अब 25 संवेदनशील जेलों के बाहर की सुरक्षा होगी पुलिस के हवाले, एएसपी करेंगे मॉनीटरिंग

-मुलाकातियों के साथ जेलकर्मियों को भी देनी होगी तलाशी

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LUCKNOW: प्रदेश की जेलों में बंदियों की ऐश अब खत्म होने वाली है। डीजी जेल आनंद कुमार ने जेलकर्मियों और बंदियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिये रणनीति तैयार की है। इसके तहत अब 25 संवेदनशील जेलों की बाहरी सुरक्षा व्यवस्था को पुलिस के हवाले किया जाएगा। वहीं, इसकी मॉनीटरिंग एडिशनल एसपी के जिम्मे होगी। इतना ही नहीं प्रदेश की जेलकर्मियों को भी तलाशी से गुजरना होगा। इसके लिये जेलों के औचक निरीक्षण को लेकर भी अलग से प्लान तैयार किया गया है।

1300 पुलिसकर्मियों की मांग
डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि प्रदेश की 25 संवेदनशील जेलों के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की योजना है। इसके लिये कारागार प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर 1300 पुलिसकर्मियों की मांग की है। इतना ही नहीं हर जेल के बाहर तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों की मॉनीटरिंग एक एडिशनल एसपी के जिम्मे होगी। यह पुलिसकर्मी जेल में जाने वाले सभी मुलाकातियों के साथ-साथ जेलकर्मियों की भी तलाशी लेंगे। मंशा साफ है कि जेल के भीतर किसी भी तरह से कोई भी आपत्तिजनक चीज न पहुंच सके। बताया गया कि लखनऊ, बरेली, आजमगढ़, मेरठ, बागपत, नैनी समेत 25 अतिसंवेदनशील जेलों को इसके लिये सूचीबद्ध किया गया है। इन सभी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी 45 दिन में बदल दी जाएगी। ताकि, वे जेलकर्मियों से नेटवर्क न बना सकें। उल्लेखनीय है कि हाल ही में विभिन्न जेलों में बंदियों द्वारा बनाए गए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें वे पार्टी करते और आपत्तिजनक चीजें मसलन मोबाइल फोन व असलहे लिये हुए साफ दिखाई दे रहे थे। इन वीडियो ने प्रदेश की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिये थे।

दूसरी रेंज के जेल अधिकारी करेंगे औचक चेकिंग
प्रदेश की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को फुलप्रूफ करने के साथ ही जेलों की अव्यवस्था पर शिकंजा कसने के लिए कारागार मुख्यालय ने औचक निरीक्षण की रणनीति बनाई है। इसके तहत एक रेंज के अधिकारी से दूसरे रेंज की जेलों में औचक चेकिंग की रणनीति बनाई गई है। चरणवार इस कार्रवाई पर अमल में लाया जायेगा। सूबे की दूसरी जेलों में भी वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस के साथ चेकिंग कराई जायेगी। जेलों में औचक निरीक्षण के लिए चार सचल दस्ते बनाये जाने की भी तैयारी है। ताकि जेलों में समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाये जा सके। इसके अलावा जेलों के वह जैमर जो 4जी के मुताबिक अपग्रेड नहीं हुए हैं, उन्हें तुरंत अपग्रेड कराया जाएगा। जेलों के सीसीटीवी कैमरों को भी दुरुस्त कराने के सख्त निर्देश दिये गए हैं।

यह तैयार की गई रणनीति

-जेलों का बाहरी सुरक्षा घेरा पुलिस के हवाले होगा

-मुलाकातियों के साथ-साथ जेलकर्मियों की भी होगी तलाशी

-दूसरी रेंज के अधिकारी करेंगे औचक निरीक्षण

-जैमर व सीसीटीवी कैमरों को अपग्रेड कराने के सख्त निर्देश

Posted By: Inextlive