जैन मुनि लेंगे 9 जनवरी को समाधि!
- भैंसाली मैदान में समाधि लेने के लिए डीएम से मांगी परमिशन
- अखिल भारतीय मांस निर्यात एवं यांत्रिक कत्लखाना विरोध महासंघ के बैनर तले लेंगे संथारा Meerut : पशु मांस के निर्यात के खिलाफ मेरठ में एक फिर से आवाज बुलंद करने वाले जैन प्रभसागर ने संथारा लेने के लिए डीएम से भैंसाली मैदान लेने की परमीशन मांगी हैं। अपने दिए पत्र में जैन मुनि ने 9 जनवरी को समाधि ग्रहण करने की आज्ञा मांगी है। आपको बता दें कि उन्होंने कुछ दिन पहले 28 दिसंबर को अपने जन्मदिन वाले दिन समाधि ग्रहण करने की घोषणा की थी। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने एक फिर से मुनि से बात करने की बात कही है। अधिकारियों ने कहना है कि उन्होंने कई महीनों से किसी भी पशु वधशाला को एनओसी नहीं दी है। डीएम से मांगी परमीशनगुरुवार को साल के आखिरी दिन जैन मुनि प्रभसागर डीएम से मिले और अपने समाधि के लिए भैंसाली मैदान लेने की परमीशन मांगी। वैसे डीएम की ओर से लेटर पर परमीशन मिल गई है। इसके लिए जैन मुनि ने 9 जनवरी की डेट नियत की है। इस मौके पर अन्नपूर्णा मंदिर के कई लोग मौजूद थे। जैन मुनि ने कहा प्रशासन हमारा इस महान काम में जरूर सहयोग करेगा।
पिछले डेढ़ साल से नहीं दी एनओसी वहीं डीएम ने बताया कि जैन मुनि से इस बारे में एक फिर से बात की जाएगी। उन्होंने ऐसा करने से रोकने का प्रयास किया जाएगा। सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में उन्हें अवगत भी कराया जाएगा। उन्हें इस बात की भी जानकारी दी जाएगी कि मेरठ में पिछले डेढ़ साल से किसी भी स्लॉटर हाउस को एनओसी नहीं दी गई है। वहीं अवैध स्लॉटर्स पर कार्रवाई भी की गई है। मांस निर्यात के खिलाफ मोर्चा बीते सोमवार को अखिल भारतीय मांस निर्यात एवं यांत्रिक कत्लखाना विरोध महासंघ के बैनर तले जैन मुनि मैत्री प्रभसागर ने मांस निर्यात के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने अपने द्वारा लिखे पत्र में साफ कर दिया था कि अगर पूरे देश में मांस निर्यात को नहीं रोका गया तो संथारा ले लेंगे। इस लेटर को उन्होंने डीएम को भी दे दिया था। टूट रहा है सब्र का बांधजैन मुनि प्रभसागर ने कहा कि भारत सरकार इसको लेकर कई बार आश्वासन दे चुकी है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। जिसके कारण उनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन कत्लखानों और मांस निर्यात की वजह से पशुधन समाप्त होता जा रहा है, जिससे पर्यावरण संतुलन बिगड़ता जा रहा है। पर्यावरण संतुलन को ठीक बनाए रखने के लिए पशुधन को बचाया जाना काफी जरूरी है।
कर चुके हैं पहले भी आंदोलन अखिल भारतीय मांस निर्यात एवं यांत्रिक कत्लखाना विरोध महासंघ के बैनर तले जैन मुनि मैत्री प्रभसागर पहले भी आंदोलन कर चुके हैं। 27 दिसंबर 2014 और 15 मार्च 2015 में दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनशन कर चुके हैं। सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया था। लेकिन उसके बाद अभी तक कोई रिजल्ट नहीं निकला। न ही कोई रिजल्ट निकलता हुआ दिखाई दे रहा है।