- छोटी काशी के तौर पर मशहूर रानी कटरा के गणेश मंदिरों में जल संचयन का काम शुरू

- कुछ लोगों की पहल से सूखे कुओं को जीवित करने की तैयारी

LUCKNOW: शुरुआत अच्छी है। पब्लिक के लिए एक मैसेज है। कुछ नया कर दिखाने की ललक भी है। छोटी काशी के तौर पर मशहूर रानी कटरा के गणेश मंदिर से इसकी शुरुआत की गई है। यहां जल संचयन का काम किया जा रहा है। वैसे तो रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए कागजों पर करोड़ों खर्च किए जाते हैं। बड़े-बड़े दावे भी ठोके जाते हैं, लेकिन हकीकत किसी से छिपी नहीं है। यही वजह है कि पुराने लखनऊ के कुछ लोगों ने संकल्प लिया है कि वह पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए पब्लिक को अवेयर करने का काम करेंगे।

मंदिरों में कई कुएं हैं

पुराने लखनऊ के ज्यादातर मंदिरों में कुएं हैं, जो पूरी तरह से सूख गए हैं। बरसात के जल को संचय कर इन कुओं को जीवित करने की योजना कुछ लोगों ने तैयार की है। गोमती जल जीवन समिति के महामंत्री ऋद्धि किशोर गौड़ ने बताया कि इस कड़ी में दो कुओं को बरसात के जल से जोड़ने का काम पूरा किया जा चुका है। डॉ। अनिल गुप्ता, सपा नेता मनीष यादव, आशीष अग्रवाल, एएन वाजपेई के साथ इस जल संरक्षण योजना को शुरू किया गया।

पांच मंदिरों में चल रहा है काम

गणेश मंदिर और कुषुम्भी देवी मंदिर में एक टैंक बनाया गया है, जिसमें जाली लगा कर कोयले-ग्रेविल व मौरंग से कवर किया गया है। मंदिर के छतों का मंदिर परिसर का पूरा जल छन कर उस टैंक के माध्यम से कुआं में चला जायेगा। टैंक की तली को पाइप के माध्यम से कुएं से जोड़ दिया गया है। ऋद्धि के मुताबिक, हम सिर्फ जमीन से जल निकालना जानते है, लेकिन उसे बचाने की बिल्कुल नहीं सोचते हैं। अभी फिलहाल पांच मंदिरों में इस काम को पूरा करने की योजना है।

Posted By: Inextlive