- जलकल के जूनियर इंजीनियर्स के फील्ड में नहीं जाने से बढ़ गयी हैं शिकायतें

- आए दिन पब्लिक का कोपभाजन बन रहे जेई, नगर आयुक्त ने किया सख्त रुख अख्तियार

- जलकल के जूनियर इंजीनियर्स के फील्ड में नहीं जाने से बढ़ गयी हैं शिकायतें

- आए दिन पब्लिक का कोपभाजन बन रहे जेई, नगर आयुक्त ने किया सख्त रुख अख्तियार

VARANASI

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केस 0क्:

कुछ महीने पहले सुंदरपुर में जलकल के एक जेई की पब्लिक से जमकर नोकझोंक हो गई थी। पुलिस तक मामला पहुंच गया। मोहल्ले में पेयजल की प्रॉब्लम होने पर जेई का देर से पहुंचना इसका कारण बना।

केस 0ख्:

पिछले हफ्ते मध्यमेश्वर वार्ड के जेई को पब्लिक ने बंधक बना लिया। मोहल्ले में काफी समय से व्याप्त सीवर प्रॉब्लम को दूर न करना इसका कारण बना।

ये कुछ मामले बानगी भर हैं। ऐसे दर्जनों केसेज सामने आए हैं। जिसमें जलकल के जूनियर इंजीनियर्स की लापरवाही की शिकायतें मिली हैं। हकीकत यह है कि जूनियर इंजीनियर्स के फील्ड में न जाने और पानी, सीवर की समस्या को सॉल्व करने में देरी करने पर आए दिन उन्हें पब्लिक के गुस्से का सामना करना पड़ता है। तमाम जूनियर इंजीनियर्स को अपने एरिया के मोहल्ले तक की जानकारी तक नहीं है। नगर आयुक्त डॉ। नितिन बंसल के सामने ऐसी तमाम शिकायतें आई हैं। जिसपर उन्होंने सख्त रुख अख्तियार किया है।

बड़ी संख्या में पेंडिंग हैं कम्प्लेन

शहर की पेयजल सप्लाई और सीवरेज व्यवस्था को मेंटेन रखना जलकल विभाग के जिम्मे है। एक्सईएन, एई से लेकर जूनियर इंजीनियर्स व्यवस्था की मॉनीटरिंग और सुपरविजन करते हैं। जलकल में असिस्टेंट इंजीनियर्स की कमी है। जूनियर इंजीनियर का काम फील्ड में रहकर रुटीन वर्क करना और पब्लिक की शिकायतें दूर करना है, लेकिन इधर देखने में आया है कि पेयजल और सीवर से जुड़ी जितनी शिकायतें जलकल में आती हैं। उसके सापेक्ष ख्भ् से ब्0 फीसदी कम्प्लेन का ही डेली निपटारा हो पा रहा है। खासकर बड़ी संख्या में सीवर से जुड़ी कम्प्लेंट और री कम्प्लेंट पेंडिंग पड़ी हैं।

हर जेई पर दर्जनों मोहल्लों का जिम्मा

जलकल के प्रत्येक जूनियर इंजीनियर्स पर दर्जनों मोहल्लों का जिम्मा है। इनका कहना है कि जितनी शिकायतें आती हैं। उस अनुपात में उसका निस्तारण सम्भव नहीं हो पाता है। जिससे प्रॉब्लम बढ़ जाती है। इससे पब्लिक का आक्रोश झेलना पड़ता है। हालांकि प्राथमिकता के आधार पर बड़ी समस्याओं को पहले दूर किया जाता है, लेकिन फिर भी प्रॉब्लम कम नहीं हो रही है।

एक नजर

- ख्00 से ज्यादा मोहल्ले हैं शहर में

- क्क् जूनियर इंजीनियर हैं जलकल में

- 07 असिस्टेंट इंजीनियर करते हैं मॉनीटरिंग

- 0भ् एक्सईएन व्यवस्था पर रखते हैं नजर

- क्भ्0 से ज्यादा डेली आती हैं सीवर से जुड़ी शिकायतें

- म्0 फीसदी कम्प्लेंट पेंडिंग रह जाती हैं डेली

- भ्0 से 70 तक पेयजल से जुड़ी शिकायतें

जलकल के जूनियर इंजीनियर्स के फील्ड में नहीं जाने की तमाम शिकायतें मिली हैं। उन्हें हर हाल में डेली रिपोर्ट देने को कहा गया है। लापरवाह जेई पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। नितिन बंसल, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive