GORAKHPUR : जलकल प्योरिफायर वाटर सप्लाई करे या न करें नियमों को तार-तार जरूर करते रहते हैं. नियम के टूटने से अफसर तो मौज में हैं लेकिन प्रॉब्लम पब्लिक को झेलनी पड़ रही. ट्यूबवेल्स ऑपरेटर्स का एग्रीमेंट खत्म हुए सात महीने बीत चुके हैं तो एक माह से बिना क्लोरीनेशन के ही पानी की सप्लाई हो रही है. इतना ही नहीं मरम्मत के सामान भी उधार के भरोसे मंगाया जा रहा है. जलकल की इस लापरवाही के कारण पब्लिक डेली परेशान हो रही है.


खूब हो रही लापरवाहीसिटी को वाटर सप्लाई में जलकल जमकर लापरवाही कर रहा है। एक माह से ब्लीचिंग पाउडर नहीं है तो फुटकर सामान के भरोसे पाइप लीकेज और ट्यूबवेल्स के मरम्मत का काम किया जा रहा है। सिटी में डेली 50 किलो ब्लीचिंग पाउडर की जरूरत पड़ती है, वहीं डेली 5 से 10 जगह पाइप लाइन लीकेज होता है, एक से दो ट्यूबवेल भी खराब होते हैं। जिसे टेंप्ररेरी तरीके से निपटाया जा रहा है। एक जेई का कहना है कि ब्लीचिंग पाउडर भी खत्म हो गया है, लेकिन डिपार्टमेंट ने ब्लीचिंग पाउडर नहीं मंगाया। अब स्थिति यह है कि जलकल में ब्लीचिंग पाउडर ही खत्म हो गया है। वहीं दूसरे जेई का कहना है कि स्टोर में तो सामान ही समाप्त हो गया है, किसी प्रकार काम चलाया जा रहा है। पब्लिक झेल रही सांसत, मौज कर रहे जलकल अफसर
ऑपरेटर नियमित न होने के कारण वो अपने मन से ट्यूबवेल चला रहे हैं। दुर्गा चौक पर लगा ट्यूबवेल कब चलता है, ये लोगों को पता ही नहीं है। जीएमसी के एक अफसर का कहना है कि यह जलकल के अफसरों की लापरवाही का नतीजा है। अगस्त में ट्यूबवेल ऑपरेटर्स का एग्रीमेंट समाप्त हो गया। उसके बाद तीन माह का एक्सटेंशन लिया गया, वह भी नवंबर में समाप्त हो गया। नवंबर में टेंडर निकलने के जगह पर एक बार फिर से एक्सटेंशन ले लिया गया, लेकिन अब मामला फंस गया है क्योंकि बार-बार एक्सटेंशन होने के कारण म्यूनिसिपल कमिश्नर ने आपत्ति जताते हुए जलकल जीएम से स्पष्टीकरण मांगा है। जलकल अफसरों की इस लापरवाही ने पब्लिक को परेशान करने के साथ ही साथ ट्यूबवेल ऑपरेट्र्स के सामने भी आर्थिक संकट पैदा कर दिया है।  बार-बार एग्रीमेंट एक्सटेंशन की फाइल आ रही थी जिस पर जलकल जीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब आते ही टेंडर निकाल दिया जाएगा। पब्लिक की अन्य प्रॉब्लम को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए आदेश दे दिए हैं। राजेश कुमार त्यागी, म्यूनिसिपल कमिश्नर

Posted By: Inextlive