जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर अभी भी स्‍िथतियां क्‍िलयर नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में अब राज्‍य के गर्वनर ने कल राज्य में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी पीडीपी को विचार विमर्श करने के लिए बुलाया है. राज्‍यपाल ने बातचीत के लिए दूसरे नंबर की पार्टी भाजपा को भी सलाह-मशविरे के लिए आमंत्रित किया है. ऐसे में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती 31 दिसंबर और भाजपा के अध्‍यक्ष एक जनवरी को राज्यपाल एनएन वोहरा से मिलने जाएंगे.


मामला सुलझने की उम्मीदजम्मू कश्मीर में बीजेपी सरकार बनाने को लेकर अपनी पूरी ताकत से लगी है, लेकिन दूसरी पार्टी पीडीपी के सशर्त सरकार बनाने के प्रपोजल से वह अब पीछे हट रही है. ऐसे में वहां पर सरकार बनाने को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है. ऐसे में अब राज्यपाल एनएन वोहरा ने इस मामले को सुलझाने के लिए दोनों ही पार्टियों को बातचीत के लिए अलग अलग दिन बुलाया है. हालांकि राज्यपाल के बुलावे को ध्यान में रखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव कल ही जम्मू पहुंच गए. सूत्रों के अनुसार राम माधव गुप्त बैठकें करने के मिशन पर हैं. उन्होंने शहर के बाहर एक होटल में प्रदेश भाजपा के पांच वरिष्ठ नेताओं व तीन नवनिर्वाचित विधायकों के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया. पीडीपी पर टिकीं है निगाहें
सूत्रों की माने तो राज्यपाल ने मुफ्ती और भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को 26 दिसंबर को अलग-अलग पत्र भेजे गए थे. पत्र के जरिए सरकार गठन के ब्यौरे की योजना के साथ दोनो पार्टियों को एक जनवरी को आमंत्रित किया था, लेकिन वर्तमान राजनीतिक हालातों को देखते हुए इस प्लान को चेंज कर दिया गया. इस बदलाव के पीछे माना जा रहा है कि हो सकता है पीडीपी 31 दिसंबर को सरकार बनाने का अपना दावा पेश कर दे. इसलिए उसे 31 को आने के लिए ही कहा गया है. पीडीपी 28 विधायकों के साथ इस समय सरकार बनाने के लिए केंद्र बिंदू की भूमिका निभा रही है. गौरतलब है कि 23 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में पीडीपी को 28, भाजपा को 25 तथा नेशनल कांफ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 तथा निर्दलीय एवं अन्य को सात सीटें मिली हैं.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh