RANCHI: झारखंड सरकार ने केंद्र से मिलनेवाली राशि से नयी-नयी बटालियन का गठन तो कर लिया है। लेकिन उनमें कामकाज सुचारु रूप से हो इसकी व्यवस्था ही नहीं की है। बटालियन में कमांडेंट तक की पोस्टिंग नहीं की जाती है। हालात यह है कि झारखंड में जैप की दस बटालियन में से चार और आईआरबी की पांच बटालियन में से चार प्रभार के भरोसे चल रही है। जैप और आईआरबी को मिलाकर कर कुल 15 बटालियन है। जिनमें से 8 बटालियन प्रभार के भरोसे चल रही है। जैप और आइआरबी के 15 बटालियन में कमांडेंट के पद पर एएसपी रैंक के अफसर को प्रभारी कमांडेंट बनाया गया है।

राज्य में 115 पिकेट्स पर जवान तैनात

जैप और आइआरबी की कुल 15 बटालियन के जवानों को नक्सल प्रभावित इलाकों में बनाए गए 115 से अधिक पिकेट्स पर तैनात किया गया है। झारखंड आइआरबी का गठन नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए किया गया है। इसकी पांच बटालियन के गठन के लिए पूरी राशि केंद्र सरकार ने दी है, ताकि नक्सलियों से जारी लड़ाई में अर्द्धसैनिक बलों पर निर्भरता को कम किया जा सके। बटालियनों में कमांडेंट के नहीं होने से पिकेट के निरीक्षण का काम बंद हो गया है।

किसे मिला है जैप, आईआरबी के बटालियन का अतिरिक्त प्रभार

-जैप के 10 बटालियन में देवघर एसपी नरेंद्र कुमार सिंह अपने काम के अतिरिक्त जैप-5 का प्रभार

-जमशेदपुर एसपी अनूप बिरथरे को अपने काम के अतिरिक्त जैप-6

-हजारीबाग एसपी मयूर पटेल कन्हैया लाल को अपने काम के अतिरिक्त जैप-7

-पलामू एसपी इंद्रजीत महथा को अपने काम के अलावा जैप-8 का अतिरिक्त प्रभार

-सिटी एसपी जमशेदपुर प्रभात कुमार को अपने काम के अतिरिक्त आईआरबी-2 चाईबासा मुसाबनी का प्रभार

-लातेहार एसपी प्रशांत आनंद को अपने काम के साथ-साथ आईआरबी- 4 लातेहार

-चतरा एसपी अखिलेश बी वारियर को अपने काम के अतिरिक्त आईआरबी-3 चतरा

-गुमला एसपी अश्वनी कुमार सिन्हा को अपने काम के अलावा आईआरबी-5 धुर्वा रांची का अतिरिक्त प्रभार

Posted By: Inextlive