Gorakhpur : सिटी में जांडिस की दस्तक हो चुकी है. बच्चों से लेकर बड़े तक इसकी चपेट में आ रहे है. क्योंकि गर्मी में अमृत कहे जाने वाला वाटर या हेल्दी ड्रिंक ही उन्हें जांडिस का मरीज बना रहा है. ऐसे में सिटी का हर चौथा शख्स जांडिस से परेशान है. सरकारी हॉस्पिटल हो या प्राइवेट क्लीनिक मरीजों की लंबी कतार है जिसमें अधिकांश जांडिस से परेशान है.

प्यास तो बुझी पर बीमारी भी मिली
मौसम का मिजाज गर्म हो रहा है, टेंप्रेचर रोज एक नई ऊंचाई चढ़ रहा है। नतीजा रोड पर निकलते ही प्यास प्रॉब्लम हर गोरखपुराइट्स को सता रही है। क्योंकि ये प्यास है बड़ी। इसलिए प्यास लगती लोग ये नहीं सोचते वे क्या पी रहे है बल्कि किसी भी ठेले या शॉप पर खड़े होकर वाटर या गन्ने का जूस पीने लगते है। ये जूस उन्हें प्यास से राहत तो देता है पर अनहेल्दी होने का खामियाजा उन्हें बीमारी के रूप में भुगतना पड़ता है।
सेफ नहीं है गन्ने का जूस
मार्केट में बिक रहा गन्ने का जूस या फ्रूट्स हेल्दी नहीं है। क्योंकि जूस के लिए इस्तेमाल किया जा रहा गन्ना पॉल्यूटेड वाटर में रखा जाता है। साथ ही उसके आसपास गंदगी रहने से इंफेक्शन के चांसेस अधिक रहते है। साथ ही सिटी का वाटर भी पॉल्यूटेड है, जो काफी अनहेल्दी होता है। पॉल्यूटेड वाटर से हेपेटाइटिस-ई वायरस बॉडी में एंटर कर जाता है। जिससे जांडिस होता है।
गर्मी आते ही जांडिस का प्रकोप तेजी से फैला है। मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसका मेन रीजन दूषित पानी है। जांडिस में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। ज्यादा लापरवाही से वीकनेस अधिक हो जाती है, जो खतरनाक हो सकती है।
डॉ। सुधांशु शंकर, फिजीशियन
सिम्पटम्स-
-भूख न लगना
-फीवर आना
-उल्टी आना
-आंखों में पीलापन होना
-पेट में अक्सर दर्द रहना
बचाव-
-मार्केट में खुली बिक रही चीजें न खाएं
-मार्केट में प्यास लगने पर सिर्फ मिनरल वाटर ही पिएं
-घर में प्यूरीफायर या ब्वायल वाटर का यूज करें

 

report by : kumar.abhishek@inext.co.in

Posted By: Inextlive