शहर की सड़कों से उठना शुरू हुआ कूड़ा

Meerut। बीते सोमवार को आई तेज बारिश से शहर की सड़कें दिनभर जलमग्न रही। निगम की लापरवाही के चलते नाले व नालियों का पानी वापस सड़कों पर बहने लगा। ऐसे में निगम ने अपनी गलती से सबक लेते हुए मंगलवार को सुबह से ही नालों की सिल्ट और सड़कों से कूड़ा उठाना शुरू कर दिया। निगम की जेसीबी नालों और सड़कों की सफाई में जुटी रही।

निगम को बारिश का खौफ

मौसम विभाग के चेतावनी के अनुसार तेज बारिश को देखते हुए निगम को मंगलवार को भी भारी बारिश की उम्मीद थी। बरसात के पानी के साथ नालों की सिल्ट उफनकर सड़क पर आ जाती है और सड़क किनारे लगा कूडे़ का ढेर नालियों में बह जाता है। जिससे जलभराव की स्थिति बन जाती है। ऐसे में निगम सुबह से ही नालों की साफ-सफाई में जुट गया। देर शाम तक निगम की मशीनें नालों की सिल्ट निकालने में जुटी रही।

टीमों को मिली जिम्मेदारी

निगम ने शहर के वार्डों में सफाई के लिए सभी वार्डो के पार्षद और सुपरवाइजर के साथ मिलकर सफाई नायकों की टीम तैयार की है। इन सफाई नायकों का काम क्षेत्र के बडे़ नालों और नालियों की सफाई के काम को जल्द से जल्द पूरा कराने का रहेगा।

डेयरी मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी

गत वर्ष डेयरियों के विषय में आए हाईकोर्ट के आदेश के एक साल बाद भी निगम पालन नही कर सका है। कोर्ट का आदेश था कि डेयरियों का संचालन शहर से बाहर किया जाए, लेकिन निगम इस आदेश का पालन करने के बजाए उल्टा डेयरियों से गोबर को एकत्र करने की कवायद में जुट गया है। निगम माधवपुरम में नया गोबर बैंक बनाकर डेयरियों से उत्पन्न होने वाले गोबर का निस्तारण करने की योजना बना रहा है। लेखाधिकारी निगम ने बताया कि जमीन की उपलब्धता नहीं हो पा रही है इसलिए डेयरियां शहर से बाहर नहीं हो सकी है। फिलहाल इस समस्या के निस्तारण के लिए गोबर बैंक योजना तैयार की गई है, जो काफी हद तक कारगर होगी। हम डेयरियों के गोबर को नालियों में बहने से रोक पाएंगे।

डेयरियों को मिलेगा बढ़ावा

माधवपुरम में गोबर बैंक की योजना को भले ही निगम ने डेयरियों के गोबर की समस्या को दूर करने के लिए बनाया हो, लेकिन इससे शहर में अनाधिकृत डेयरियों को बढ़ावा मिलेगा। निगम ने डेयरियों से प्रतिदिन 100 टन गोबर एकत्र करने का टारगेट बनाया है। ऐसे में डेयरी संचालकों को निगम द्वारा कूड़ा एकत्र करने के लिए ट्रॉली उपलब्ध कराई जाएगी। परंतु निगम के पास डेयरियों की संख्या के एवरेज में ट्रॉलियों की उपलब्धता बहुत कम है। ऐसे में डेयरियों से गोबर एकत्र करने की यह योजना कारगर होगी इस पर संशय है।

Posted By: Inextlive