- बाजार सजने लगे, मेला थाना व मेला हॉस्पिटल की तैयारियां पूरी

- 40 सीसीटीवी कैमरे रखेंगे नजर, 4 बिग एलईडी स्क्रींस से होगा मेले का लाइव टेलीकॉस्ट

>DEHRADUN: इस वर्ष श्री झंडे जी मेले में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में संगतों का श्री दरबार साहिब पहुंचने का क्रम जारी है. फ्राइडे को देर शाम तक पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित देश के तमाम हिस्सों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं का श्री दरबार साहिब पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. श्री झंडा साहिब मेला संचालन समिति का मानना है कि इस बार करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के श्री झंडा साहिब के दर्शनों के लिए पहुंचने की उम्मीद है. इसके लिए कमेटी की ओर से आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

फ्राइडे को जारी रहा पूजा का क्रम

फ्राइडे को नित्य पूजा-क्रम के बाद श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगतों को दर्शन दिए. उसके बाद उन्होंने मेले के सफल संचालन के लिए मेला मैनेजमेंट व संगतों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. मेला कमेटी के मैनेजर केसी जुयाल ने बताया कि मेला प्रबंधन की ओर से संगतों के भोजन, ठहरने, पानी, सुरक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधाओं के मद्देनजर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. एनआरआई संगतों के लिए होटलों व धर्मशालाओं में विशेष बुकिंग करवा दी गई है. दावा किया गया है अधिकतर स्कूलों में एग्जाम्स हो चुके हैं, पास पड़ोस के स्टेट्स से भारी संख्या में संगतों के पहुंचने का अनुमान है.

- 4 बिग स्क्रींस लगाई गई.

-ये स्क्रींस दर्शनी गेट, भण्डारी चौक, सहारनपुर चौक व श्री दरबार साहिब कैंपस में.

-ड्रोन के जरिए मेले की स्पेशल कवरेज होगी.

- ठहरने व भोजन की व्यवस्था.

- एसजीआरआर बिंदाल स्कूल, बॉंम्बे बाग स्कूल, तालाब स्कूल, राजा रोड, मातावाला बाग में इंतजाम.

- धर्मशालाओं और अन्य स्थानों में संगतों के ठहरने की व्यवस्था.

400 वर्ष पुराना इतिहास

दरबार साहिब का 400 वर्ष पुराना इतिहास है. यह पवित्र और एतिहासिक स्थल है. प्रत्येक वर्ष श्री गुरु महाराज के जन्मदिवस चेत्र वदी पंचमी (कृष्ण पक्ष) को श्री झंडा जी का आरोहण किया जाता है. इस बार झंडे जी की ऊंचाई 95 फीट है. श्री झण्डे जी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है. श्री गुरु राम राय का पर्दापण (देहरादून आगमन) यहां सन 1676 में हुआ था. उसके बाद उन्होंने यही डेरा डाल दिया और दून को अपनी कर्मस्थली बना दिया. दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए एक विशाल झंडा लगाकर लोगों को इसी ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया. इसी के साथ श्री झण्डा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हो गई. श्री गुरु राम राय जी महाराज को देहरादून का संस्थापक कहा जाता है और वे सिखों के 7वें गुरु श्री गुरु हर राय जी के ज्येष्ठ पुत्र थे. उनका जन्म होली के पांचवे दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर (अब रोपड़) के कीरतपुर में हुआ था.

- 2117 तक दर्शनी गिलाफ की बुकिंग

- 2042 तक के लिए शनील के गिलाफ की बुकिंग

- गिलाफ सिलने का काम हुआ तेज

- श्री झंडे जी पर तीन तरह के गिलाफों का होता है आवरण.

- सबसे भीतर की ओर सादे गिलाफ (मारकीन गिलाफ), संख्या 41

- मध्यभाग में शनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं इनकी संख्या 21

- सबसे बाहर की ओर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है इसकी संख्या 1 (एक)

- 30 छोटे-बड़े ल्ागरों की समुचित व्यवस्था

- विदेशी संगतें भी बनेंगी आकर्षण का केन्द्र

- इस वर्ष कनाड़ा, अमेरिका, यूके, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी आदि देशों की संगतें शामिल.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मेला स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कड़े इंतजामात रहेंगे. पुलिस की ओर से मेला थाने की व्यवस्था की गई है. लाखों की भीड़ को संभालने के लिए पुलिस बल की तैनाती के अलावा मेला थाना भी बनाया जाएगा. आग से निपटने के लिए फायर की 5 गाडियां भी मेला स्थल पर तैनात रहेंगी. जबकि समिति की ओर से 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की टीम तैयार कर दी गई है. अस्पताल के सीनियर पीआरओ भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि सैटरडे 23 मार्च से 27 मार्च तक मेला स्थल पर डॉक्टरों की टीम मुस्तैद रहेगी.

Posted By: Ravi Pal