RANCHI : झारखंड के शहरों और गांवों के समान रूप से विकास को लेकर निकाय प्रतिनिधियों को वित्त आयोग से खासी उम्मीदें हैं। बुधवार को 15 वें वित्त आयोग की टीम के साथ बैठक में निकाय प्रतिनिधियों ने राज्य के विकास के एजेंडे पर चर्चा की और इससे जुड़ी मांगों को साझा किया। शहरी क्षेत्रों के विकास और मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की डिमांड रखी गई। बता दें कि 14 वें वित्त आयोग का कार्यकाल 2019-20 में समाप्त हो रहा है। 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर ही अप्रैल 2020 से मार्च 2025 तक का पैसा राज्यों को मिलेगा।

मिले हैं सुझाव, होगा विचार

वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने अपनी टीम के साथ पहले नगर निकाय और उसके बाद ग्रामीण निकाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस मौके पर योजना एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने बताया कि अच्छे सुझाव आए हैं, जिस पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाएग

पंचायतों को मिले समान अधिकार

वित्त आयोग के साथ बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायतों को समान अधिकार देने की मांग उठाई। प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि 13 वें वित्त आयोग में 60 प्रतिशत वित्तीय अधिकार पंचायतों को था, 20 प्रतिशत जिला परिषद और 20 प्रतिशत पंचायत समिति को था। लेकिन 14 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट की अनुशंसा पर त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में दो स्तर के वित्तीय अधिकार से मुक्त कर दिया गया।

पानी-बिजली, स्वास्थ्य सेक्टर पर फोकस

ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए 14 वें वित्त आयोग ने 6046.73 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। इसमें अब तक 2707.95 करोड़ की स्वीकृति दी गई है जबकि विकास मद की इस राशि से 1865.41 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं। जो कि अब तक स्वीकृत राशि का 69 प्रतिशत है। बात दें कि 14 वें वित्त आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, सामुदायिक विकास, सड़क की मरम्मत और ग्रामीण विद्युतीकरण के मद में ये राशि जारी की है।

Posted By: Inextlive