RANCHI : रांची के कडरू में बन रहे हज हाउस का आकार घटा दिया गया है। राज्य सरकार ने इसे नौ मंजिला की जगह पांच मंजिला करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद हज हाउस का निर्माण कर रही प्रसाद कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पांचवें तल्ले के निर्माण के बाद ढलाई का काम बंद कर दिया है। अब दीवारें उठाई जा रही हैं, जिसके बाद प्लास्टर का काम शुरू किया जाएगा। हज यात्रा के लिहाज से रांची के हज हाउस की इमारत को छोटा करना दूसरा झटका है। इससे पहले जब झामुमो की सरकार थी, तब हज हाउस का शुरू हुआ था। लेकिन, घटिया स्तर के निर्माण के कारण हज हाउस को 2015 में ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद रघुवर सरकार ने उसी स्थान (कडरू मस्जिद के सामने) पर दोबारा हज हाउस बनाने का फैसला किया था।

सब्सिडी खत्म करने को बनाया आधार

हज हाउस के आकार को छोटा करने के पीछे सरकार ने हज सब्सिडी समाप्त किये जाने को आधार बनाया है। जुडको ने तीन महीने पहले हज कमेटी से जुड़े लोगों को इस पर बातचीत के लिए एक बैठक बुलाई थी। बैठक में सरकारी अधिकारियों ने दलील दी कि चूंकि केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला किया है, इसलिए अब रांची से हज यात्रियों की संख्या कम हो जाएगी। ऐसी स्थिति में नौ मंजिले हज हाउस का कोई औचित्य नहीं है। सरकारी अधिकारियों ने तो इसे तीन मंजिला तक ही सीमित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे हज कमेटी के पूर्ववर्ती सदस्यों ने जोरदार तरीके से खारिज किया। काफी मान-मनव्वल के बाद पांच मंजिला रखने का फैसला हुआ।

लगभग 49 करोड़ बढ़ गई लागत

पहले वाले हज हाउस की लागत जहां साढ़े छह करोड़ थी, वहीं नये हज हाउस को करीब 56 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। सरकार ने इसके निर्माण का जिम्मा झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन यानी जुडको को दिया था। जुडको ने टेंडर निकाल कर हज हाउस बनाने का जिम्मा प्रसाद कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया। शुरुआत में इसे जी प्लस नाइन यानी नौ मंजिला बनाना था। हाल ही में सरकार ने एक आदेश निकाला, जिसके तहत हज हाउस की ऊंचाई कम कर दी गयी।

प्रणव मुखर्जी ने रखी थी आधारशिला

तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 2 अप्रैल 2017 को रवींद्र भवन और हज हाउस की आधारशिला रखी थी। तब मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि झारखंड का हज हाउस पूरे देश में अपने आप में अनोखा और सबसे भव्य होगा।

एक हजार लोग एक साथ पढ़ सकेंगे नमाज

कडरू में बन रहा हज हाउस मुगल काल की याद दिलाएगा। क्योंकि हज हाउस के बाहर प्लास्टर ऑफ पेरिस से जालीनुमा दीवार बनाई जाएगी। ऊपर में मीनार बनेगी, जो मुगल काल की संरचना जैसी होगी। इमारत में दो बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर के अलावा कुल पांच मंजिलें हैं। अभी पांचवें तल्ले का निर्माण हो रहा है। यहां एक साथ करीब 1000 लोग नमाज पढ़ सकेंगे। हज यात्रियों को ट्रेनिंग देने से लेकर ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था भी होगी। महिला और पुरुष के लिए अलग डॉरमेट्री होगी। हज यात्रियों को छोड़ने के लिए आने वाले लोगों की गाडि़यों के लिए डबल बेसमेंट पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां 76 कार और दो बसें खड़ी की जा सकती हैं।

ऐसा होगा हज हाउस

फ‌र्स्ट फ्लोर

नमाज अदा करने की जगह

सेकेंड फ्लोर

यहां भी नमाज अदा करने के लिए जगह होगी।

ईमान के लिए दो और काजी के लिए तीन कमरे होंगे

पासपोर्ट और वीजा के लिए कमरे होंगे।

थर्ड फ्लोर

-हज ट्रेनिंग रूम, किचन और मेस

-पुरुषों के लिए कॉमन हॉल, दो वीआईपी रूम और एक ट्रेनिंग हॉल

फोर्थ फ्लोर

पुरुषों के लिए कॉमन हॉल बनाया जाएगा

फिफ्थ फ्लोर

महिलाओं के लिए कॉमन हॉल

150 पुरुषों और 80 महिलाओं के ठहरने के लिए कमरे

Posted By: Inextlive