Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस आर बानुमति व जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत ने लास्ट संडे को रांची लेक में बोट पलटने से हुई चार लोगों की मौत के मामले पर सेल्फ कॉग्निजेंस लिया है. हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर स्टेट गवर्नमेंट झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन व रांची नगर निगम से पूछा है कि बोटिंग के लाइसेंस की प्रक्रिया क्या है? क्या बोटिंग के लिए किसी को भी लाइसेंस दिया जा सकता है? यदि लाइसेंस दिया जाता है तो किन शर्तों पर उन्हें प्रोवाइड कराया जाता है?

 

 

दशम फॉल में क्या व्यवस्था है?

हाईकोर्ट ने गवर्नमेंट से यह भी पूछा है कि स्टेट के अन्य डिस्ट्रिक्ट्स के लेक्स, फॉल्स में सेफ्टी की क्या व्यवस्था है। खासकर दशम फॉल में डूबने के अधिक केसेज पाए जाते हैं। ऐसी स्थिति में वहां डाइवर्स, जहां बोटिंग की जाती है, वहां डाइवर की क्या व्यवस्था है? अगर व्यवस्था है, तो क्या है और नहीं है, तो इसे अब तक लागू क्यों नहीं किया गया है?

15 दिसंबर को हुआ था हादसा

15 दिसंबर की दोपहर करीब एक बजे रांची लेक वाटर पार्क के इनॉगरेशन के दौरान झारखंड के टूरिज्म सेक्रेटरी सजल चक्रवती समेत कई लोग बोटिंग करने लगे। इसी दौरान ओवरलोडेज बोट अनबैलेंस्ड होकर पलट गई। इसमें सजल चक्रवर्ती समेत कई लोग लेक में डूब गए। डूबने से चार लोगों की मौत हो गई और अन्य को अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। रांची के लोगों ने इस हादसे को लापरवाही का नतीजा बताया है।

Posted By: Inextlive