RANCHI : झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष महुआ माजी रांची विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदवार होंगी। रविवार को मोरहाबादी स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास पर उनकी उपस्थित में महुआ माजी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर झारखंड के मुख्यमत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद थे। इसके बाद जेएमएम ने महुआ माजी को रांची विधानसभा सीट से अपने चुनाव में उतारने की घोषणा की। इस मौके पर महुआ माजी ने कहा कि आज जरूरत है कि अधिक से अधिक की संख्या में महिलाएं राजनीति में आकर देश और राज्य को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर वह महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए लगातार काम कर रही हैं। रांची विधानसभा सीट से बहुत सालों बाद किसी पार्टी ने महिला उम्मीदवार हो चुनाव मैदान में उतारा है। इसके लिए उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की तारीफ करते हुए कहा कि महिलाओं को सम्मान देने का काम पार्टी ने किया है। उन्होंने राज्य महिला आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से इंकार करते हुए कहा कि वे इस पद पर रहते हुए चुनाव लड़ सकती हैं।

रांची में पली-बढ़ी हैं महुआ माजी

महुआ माजी का जन्म रांची सिटी में ही श्रीपरिमल घोष के घर हुआ। इनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई रांची में हुई। महुआ के दादा जी ढाका के रहनेवाले थे, लेकिन फ्0 के दशक में ही वे रांची आकर बस गए। इनके नाना बोरिशाल बांग्लादेश के थे लेकिन पचास के दशक में कोलकाता आकर बस गए।

ख्00क् में हुई साहित्यिक सफर की शुरुआत

महुआ माजी साहित्यिक फलक पर ख्00क् में तब उभरी जब इनकी पहली कहानी मोइनी की मौत कथादेश के नवलेखन अंक में छपी। यह कहानी इन्होंने एक थिसिस के दौरान रिसर्च के लिए लिखी थी। यह कहानी पाठकों को पसंद आई और संपादकों ने इनको प्रोत्साहित किया। फिर इनके लिखने का सिलसिला चल पड़ा। फिर ख्00फ् में इनकी कहानी रोल मॉडल वागर्थ में छपी। इसके बाद हंस में मुक्ति योद्धा, नया ज्ञानोदय में चंद्र बिंदु, कथाक्रम में सपने कभी मरते नहीं, सहारा समय में उफ ये नशा कालीदास, इरावती में ड्राफ्ट, अक्षयपर्व में ताश का घर और प्रभात खबर, अमर उजाला न्यूजपेपर्स में झारखंडी बाबा कहानी छपी और पाठकों ने इसे खूब पसंद किया।

मैं बोरिशाइल्ला से चर्चित हुई थी महुआ माजी

महुआ माजी ने ख्00म् में मैं बोरिशाइला नॉवेल लिखा था। यह उपन्यास बांग्लादेश की मुक्तिगाथा पर बेस्ड है। महुआ माजी को इनके उपन्यास मैं बोरिशाइल्ला के लिए साल ख्007 में लंदन के हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स में ब्रिटेन के आंतरिक सुरक्षा मंत्री के हाथों इंदु शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान से सम्मानित किया गया था।

Posted By: Inextlive