क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: झारखंड की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता नहीं के बराबर है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि साल 2014 लोकसभा चुनाव में जहां 248 पुरुष उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे वहीं मात्र 19 महिलाओं ने ही नामांकन किया था. इस महिला उम्मीदवारों में कोई जीत दर्ज नहीं कर पाई जबकि 17 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. 2014 चुनाव में सिर्फ 19 महिलाएं नॉमिनेशन फॉर्म भरी थीं. इन 19 महिलाओं में से 17 की जमानत जब्त हो गई थी तो एक महिला उम्मीदवार का नामांकन प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था. वहीं, पुरुष प्रत्याशी 248 थे, जिसमें से 192 उम्मीदवारों के जमानत जब्त हो गए थे. सबसे बड़ी बात ये है कि एक भी महिला प्रत्याशी इस चुनाव में जीत नहीं पाई. वहीं झारखंड के 14 सीटों पर सिर्फ पुरुष प्रत्याशी ने ही परचम लहराया है.

पुरुष-महिला वोटर 951:898

झारखंड में 2014 में महिला वोटरों की संख्या 9639126 थीं, जिनमें से 6122832 महिलाओं ने वोटिंग किया था. इसके बावजूद एक भी महिला उम्मीदवार नहीं जीतीं. वहीं, झारखंड में पुरुष और महिला अनुपात की बात करें तो रेशियो 951: 898 है. फिर केंद्र की राजनीति में झारखंड से महिलाओं की भागीदारी नहीं है. जबकि राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो 2009 की तुलना में 2014 में लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़ी थीं. 2009 में 58 सांसद थीं तो 2014 में कुल 61 जीतकर संसद पहुंची थीं.

राज्य में 14 लोकसभा सीट

झारखंड में 14 लोकसभा सीट है, जिसमें 8 जनरल, 1- एससी और 5- एसटी सीट हैं. बात करें पिछले लोकसभा चुनाव 2014 की तो कुल 19 महिलाओं ने नॉमिनेशन फार्म भरा था. जिसमें जनरल सीट पर 10 महिलाओं ने और एसटी सीट पर 8 महिलाओं ने दावेदारी पेश की थी. इसमें चुनाव आयोग ने 1 उम्मीदवार का नॉमिनेशन रद्द कर दिया था. ये सीट एसटी खाते से था. 2014 के लोकसभा चुनाव में 18 महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ी थीं. इसमें 17 महिला प्रत्याशियों के जमानत जब्त हो गए. वहीं खूंटी से दयामनी बारला ही एक ऐसी प्रत्याशी थी, जिनकी जमानत जब्त नहीं हुई.

कई महिलाएं हैं विधायक

ऐसा नहीं है कि झारखंड में महिला नेता नहीं है. राज्य के लिए कई महिला प्रत्याशी विधायक बनकर आईं. लेकिन वो केंद्र की राजनीति में दाखिल नहीं हो सकी. विधायक के तौर पर देखें तो कई महिला प्रत्याशी विधायक बनी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में अब तक खाता नहीं खुल सका है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha