राजस्थान में बढ़ते जीका वायरस के संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश

डेंगू और जीका वायरस के समान लक्षण होने की वजह से शासन ने जारी किया अलर्ट

Meerut। राजस्थान में जीका वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए शहर में अलर्ट तो घोषित कर दिया गया है, लेकिन इस वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी नाकाफी है। हैरानी की बात यह है विभाग के पास जांच के लिए किट भी नहीं हैं। जबकि एसीएमओ गजेंद्र कुमार के मुताबिक राजस्थान में जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन ने डेंगू के मरीजों में भी जीका वायरस की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

कैसे होगी जांच

राजस्थान में जीका वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यूपी के सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। मगर वायरस की शिनाख्त कैसे होगी, इसका कोई इंतजाम नहीं है। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयलाजी लैब में जांच किट तक मौजूद नहीं हैं। लैब के एचओडी डॉ। अमित गर्ग के अनुसार जीका वायरस की जांच के लिए उनके पास जरूरी किट है ही नहीं और न ही किट के लिए कोई बजट पास किया गया है।

समान हैं लक्षण

जीका वायरस डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की ही तरह एडीज मच्छर से फैलता है, जो दिन में काटता है। जीका के लक्षण डेंगू की तरह ही होते हैं। इस वायरस के कारण मरीज की स्किन बेजान हो जाती है और लाल रैशेज होने लगते हैं। हाथ, पैर और आंखों में लालीपन के साथ जलन होती है। बुखार के साथ मरीज के सिर, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है। हाथ और पांव में सूजन और तेज बुखार कई दिनों तक बना रहता है।

प्रसार-प्रचार नहीं

जीका वायरस से बचाव को लेकर अवेयरनेस की स्थिति भी जीरो है। मलेरिया विभाग की ओर से इसके लिए किसी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है। जबकि डेंगू की रोकथाम में भी विभाग विफल साबित हो रहा है। अब तक जनपद में 73 केस डेंगू के मिल चुके हैं, जिसमें से 49 केस सिर्फ मेरठ के हैं।

Posted By: Inextlive