JAMSHEDPUR: टाटा स्टील के संस्थापक जमशेदजी नसरवाजी टाटा की 180वीं जयंती पर पार्क को दुल्हन की तरह सजाया गया है। रंगबिरंगे लाइट, पेड़ों पर लटकते-झूलते झालर, जगह-जगह बिजली के जुगनू सरीखे बोर्ड एनिमेशन फिल्म की तरह लोगों को सम्मोहित कर रहे हैं। इसी आकर्षण में शहर ही नहीं, आसपास के हजारों लोग पार्क में घुसने को बेताब दिखे। सबसे ज्यादा भीड़ जुबिली पार्क के साकची गेट पर उमड़ रही थी, जबकि कई लोग निक्को पार्क और पारसी टेम्पल की ओर से भी पार्क में घुसे। बिष्टुपुर गेट से भी लोगों का सैलाब पार्क में जा रहा था। शाम होते-होते पार्क में तिल रखने की जगह भी नहीं बची थी। सेल्फी और फोटो सेशन का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा था। जिधर नजर दौड़ाइए, लोग पार्क की खूबसूरत छट को मोबाइल में कैद करने से खुद को रोक नहीं पा रहे थे।

टाटा की मूर्ति के पास भीड़

सबसे ज्यादा आकर्षण पार्क के बीचों-बीच जेएन टाटा की मूर्ति के पास दिखी, तो वहीं से कतार में लगे अठखेलियां करते फव्वारे हर किसी को ठिठकने पर मजबूर कर रहे थे। लाइटिंग ऐसी कि पार्क का हर छोटा-बड़ा पौधा रंगबिरंगी आभा में चहक रहा था। पेड़ों की जड़ के पास लगे रंगीन बल्ब अलग ही छटा बिखेर रहे थे। कहीं लेजर लाइट लोगों को आकर्षित कर रही थी, तो जेएन टाटा की मूर्ति से लेकर चिल्ड्रेन पार्क तक सड़क किनारे बिजली के बल्ब कालीमाटी से टाटानगर और साकची से जमशेदपुर बनने की कहानी सुना रहे थे। दरअसल इस बार संस्थापक दिवस समारोह भी 100 साल के शहर की थीम पर मनाया जा रहा है। विद्युत सज्जा का यह नजारा पांच मार्च तक जुबिली पार्क में दिखेगा।

मेले जैसा नजारा

उधर, पार्क के बाहर साकची गेट की ओर मेले जैसा नजारा रहा। सुबह से ही यहां ठेले-दुकान सजने लगे थे। शाम होते-होते इन ठेलों-दुकानों की रौनक देखते ही बन रही थी। चाट-पकौड़ी, गोलगप्पा, चाउमिन से लेकर इडली-दोसा आदि की सबसे ज्यादा मांग रही, तो आइसक्रीम खाने वाले भी कम नहीं थे। गुब्बारे और खिलौने के लिए भी बच्चों में होड़ लगी रही।

थर्ड मार्च पर जुबिली पार्क में लाइटिंग का नजारा देखने शहरवासियों के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग आए ही थे, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से भी काफी संख्या में सैलानी बसों में भरकर आए थे। ऐसा लग रहा था, मानों नववर्ष जैसा पिकनिक का दौर शुरू हो गया हो। यह नजारा अगले दो दिन मंगलवार तक रहेगा।

कार-बाइक से घूमे लोग

संस्थापक दिवस समारोह में सुबह से देर रात तक पैदल घूमने की अनुमति थी, जबकि रात 10 बजे से वाहन से घूमने की छूट है। इसका फायदा उठाते हुए काफी संख्या में लोग बिष्टुपुर गेट से कार और बाइक पर सवार होकर घुसे। यहां से लोग जुबिली लेक, जेएन टाटा की मूर्ति, चिल्ड्रेन पार्क होते हुए साकची गेट से निकल रहे थे। इस सुविधा का काफी लोगों ने लुत्फ उठाया।

Posted By: Inextlive