237 करोड़ बहाया, फिर भी 80 वार्डो में अब तक नहीं पहुंचा पानी

25 वर्ष के लिए है जेएनएनयूआरएम योजना, दिक्कत अभी से शुरू

आधा शहर ही दे रहा वाटर टैक्स, आधा शहर मुफ्त में पी रहा पानी

ALLAHABAD: गंगा-यमुना के किनारे बसे संगम नगरी इलाहाबाद में जिस रफ्तार से आबादी बढ़ रही है। करीब-करीब उसी रफ्तार से सुविधाएं भी बढ़ रही हैं। लेकिन यहां व्यवस्था इतनी अस्त-व्यस्त हैं कि सुविधाएं ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं। शहर में पानी की आपूर्ति पर पानी की तरह पैसा बहाया गया है। लेकिन पैसे का उपयोग वाटर सप्लाई की बेहतर व्यवस्था नहीं बल्कि किसी और काम में हुआ है।

बस योजनाएं ही बनती रहीं

शहर के सभी 80 वार्डो को पाइप लाईन से कवर करने के लिए वर्ष 2006 में जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन शुरू हुई। इसके तहत पूरे शहर को कवर किया गया। 2014 में प्रोजेक्ट कम्प्लीट भी हो गया। लेकिन हाल वही है। जबकि कहा गया था ये योजना अगले 25 वर्षो की आबादी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।

जेएनएनयूआरएम योजना में हुए काम

89.69 करोड़ रुपये खर्च हुए भाग-1 में

19 ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया

04 अंडर ग्राउण्ड जलाशय का निर्माण हुआ

156 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई

18 बडे़ ट्यूबवेल रिबोर किए गए

33 बड़े ट्यूबवेल लगवाए गए

131 करोड़ खर्च हुए भाग-2 में

18 ओवर हेड टैंक का निर्माण

03 अंडर ग्राउण्ड टैंक का निर्माण

46 नए नलकूप

665 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछी

9.19 करोड़ रुपये दिए गए 13वें और 14वें वित्त से वर्ष 2013-14 में ट्यूबवेल व पाइप लाइन के लिए

12.49 करोड़ की लागत से सीएनडीएस ने 2015-16 में काम कराए

03 करोड़ से सीएनडीएस ने 2016-17 में मिनी ट्यूबवेल आदि लगवाए।

साढ़े सोलह प्रतिशत है वाटर टैक्स

वाटर टैक्स आवास मूल्यांकन का साढ़े चौदह परसेंट और फिर दो परसेंट सर्विस टैक्स के साथ करीब साढ़े सोलह परसेंट वाटर टैक्स पब्लिक से लिया जा रहा है। इसके बाद भी स्थिति ये है कि शहर के इलाकों में अक्सर गंदे पानी की सप्लाई होती है।

जल संस्थान का दावा

01 लाख 85 हजार मकानों को शहर में दिए गए हैं वाटर कनेक्शन

54 प्रतिशत ही जमा करते हैं वाटर टैक्स

46 प्रतिशत मुफ्त में पी रहे हैं पानी

242 एमएलडी पर डे वाटर सप्लाई की है जरूरत

242 प्रतिशत वाटर सप्लाई में 25 प्रतिशत पानी पाइप लाइन की खराबी व लिकेज के कारण बह जाता है

बरकरार है पानी की समस्या

करेली, धूमनगंज, नैनी के साथ पुराने शहर में वाटर सप्लाई की प्रॉब्लम

शहर के 80 वार्डो में गंदे व बदबूदार वाटर सप्लाई दिक्कत

पाइप लाइन लिकेज है सबसे बड़ी है समस्या

इलाहाबाद में पानी की कोई कमी नहीं है। कमी है तो बस यहां की व्यवस्थाओं में और जिम्मेदार विभाग के काम में। अधिकारियों ने योजनाओं को केवल अपने लाभ के लिए लागू किया और मनमाना बंदरबांट किया। जिसका नतीजा ये निकला कि आज भी पानी की व्यवस्था अस्त-व्यस्त है।

सत्येंद्र चोपड़ा

पार्षद, नगर निगम

शहर की आबादी के अनुसार पेयजल आपूर्ति की पूरी व्यवस्था है। जितनी जरूरत है, उतनी वाटर सप्लाई की जा रही है। शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं है, जहां पाइप लाइन न बिछाई गई हो। जिन इलाकों में पानी की दिक्कत होती है, वहां तत्काल टीम भेजी जाती है।

आरएस यादव

प्रभारी जीएम, जलकल

Posted By: Inextlive