RANCHI: जेपीएससी की 5वीं मेंस परीक्षा में रिजेक्ट किए गए 618 कैंडिडेट्स का मामला गरमाता जा रहा है। ये कैंडिडेट्स कॉपी दिखाने की मांग पर अड़े हैं, जबकि 3 नवंबर को ही जारी हुए रिजल्ट के 12 दिन बाद भी जेपीएससी इन्हें कॉपी नहीं दिखा पाया है। नतीजन, रिजेक्ट किए गए स्टूडेंट्स सीएम से लेकर गवर्नर तक गुहार लगा चुके हैं। इनका दावा है कि कॉपी दिखाई गई तो कई कैंडिडेट्स पास हो जाएंगे। इसके बावजूद जेपीएससी की मनमानी जारी है।

रिजेक्ट किया, तो कारण बताए

मालूम हो कि पांचवी जेपीएससी के मेन्स एग्जाम में 2085 कैंडिडेट्स शामिल हुए थे। इनमें से 30 परसेंट कैंडिडेट्स यानी 618 को रिजेक्ट कर दिया गया। इसका विरोध रिजल्ट जारी होने के साथ ही शुरू हो गया था। कैंडिडेट्स का कहना है कि अगर हमें रिजेक्ट किया गया है तो जेपीएससी उसकी लिस्ट जारी करे। हमारा हक है कि हम जानें कि रिजेक्ट होने की वजह क्या है।

बीपीएससी ने भी कारण बताया था

विरोध कर रहे कैंडिडेट्स का कहना है कि आज तक ऐसा नहीं हुआ है। जेपीएससी के पिछले किसी भी एग्जाम में कॉपी को रिजेक्ट नहीं किया गया है। फोर्थ जेपीएससी में भी कॉपी इसी तरह चेक की गई थी, लेकिन कैंडिडेट को रिजेक्ट नहीं किया गया था। तो फिर इस एग्जाम में ऐसा क्यों किया जा रहा है। वहीं बीपीएससी में भी कॉपी को रिजेक्ट किया गया था लेकिन वहां स्पष्टीकरण कर दिया गया था कि किस कारण से पेपर को रिजेक्ट किया गया है। लेकिन जेपीएससी ने अभी तक इसे क्लीयर नहीं किया है।

एकजुट हो रहे कैंडिडेट्स

कैंडिडेट्स का कहना है कि हमारी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। लेकिन हम ये लड़ाई लड़ेंगे। वहीं हमें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर जेपीएससी की मंशा क्या है। क्यों हमारे साथ ऐसा किया जा रहा है। देश के और किसी आयोग में ऐसा नहीं होता है। लेकिन यहां मेन्स एग्जाम में ही एग्जाम देने के बाद स्टूडेंट को रिजेक्ट कर दिया गया।

Posted By: Inextlive