GORAKHPUR : रूल कानून ताक पर और अफसरों का निर्देश हवा में. कुछ यही फंडा है सिटी के टू व्हीलर एजेंसीज का. अफसर लाख निर्देश दे कि जरूरी दस्तावेज के बिना टू व्हीलर का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा लेकिन 'जुगाड़ डॉट काम' में सब चलता है. सिटी के किसी भी टू व्हीलर शोरूम में आप सिर्फ 'सुविधा शुल्कÓ दें और आपकी टू व्हीलर का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. सबसे अहम बात यह है कि इस पूरे खेल में आरटीओ बराबर का भागीदार है.


100 रुपए में होता है मैनेज गेम बता दें कि पूर्व डीएम संजय कुमार ने सिटी के सभी व्हीकल्स एजेंसीज को निर्देश जारी किया था कि जरूरी दस्तावेज के बिना गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन न करें। निर्देश की कॉपी भी सभी शोरूम पर चस्पा है। डीएम के आदेश और रूल की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती है इसकी पड़ताल करने ट्यूजडे को आई नेक्स्ट रिपोर्टर सिटी के एक नामी टू व्हीलर शोरूम में पहुंचा। जहां एनएससी के बिना भी व्हीकल रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा था। यही नहीं हेलमेट के लिए हाल ही में डीएम और आरटीओ ने सिटी के सभी शोरूम को निर्देश दिए थे कि बिना हेलमेट के व्हीकल का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। नियम को फॉलो करने के लिए शोरूम में पोस्टर भी लगे हंै। लेकिन कस्टमर्स से 'सुविधा शुल्क' लेकर गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन धड़ल्ले से किया जा रहा है।क्या है नियम


सिटी के किसी भी शोरूम से कैश या फाइनेंस में टू व्हीलर खरीदने के लिए जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं। इनमें गाड़ी खरीदने वाले की चार फोटो, रेजीडेंट प्रूफ, एनएससी की फोटो कॉपी और हेलमेट परचेज की रसीद लगानी पड़ती है। जिसके बाद ही बाइक का आरटीओ से रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस शुरू होता है। सभी डॉक्यूमेंट व्हीकल खरीदने के समय ही देना होता है नहीं तो रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता। इनमें भी एनएससी का प्रमाण पत्र जरूरी है। इसकी न्यूनतम कीमत एक हजार रुपए तक होनी चाहिए और एक साल के भीतर का होना चाहिए। इसके पीछे रीजन था कि सिक्योरिटी के साथ-साथ राष्ट्रीय बचत योजना स्कीम के जरिए राजस्व में वृद्धि हो सके और देश की उन्नति में पब्लिक सीधे भागीदारी कर सके।Reporter Conversationसब मैनेज हो जाएगाव्हीकल रजिस्ट्रेशन के दौरान हो रहे खेल की रियलिटी चेक करने ट्यूजडे को आई नेक्स्ट रिपोर्टर सिटी के एक नामी टू व्हीलर शोरूम में पहुंचा। वहां शोरूम के रिप्रेजेंटेटिव ने जो बताया वह काफी चौंकाने वाला था। पेश है आई नेक्स्ट रिपोर्टर और शोरूम रिप्रेजेंटेटिव की बातचीत के अंश। रिपोर्टर - मुझे एक बाइक खरीदनी है।रिप्रेजेंटेटिव- बाइक आप पंसद कर ले और डॉक्यूमेंट जाम कर दें।रिपोर्टर- क्या-क्या डॉक्युमेंट देना है। रिप्रेजेंटेटिव- रजिस्ट्रेशन के लिए चार फोटो, रेजीडेंट पू्रफ, एनएससी का प्रमाण पत्र और हेलमेट परचेजिंग की रसीद।रिपोर्टर- मैैं लखनऊ का रहने वाला हूं। निजी फर्म में काम करता हूं  और ट्रांसफर में गोरखपुर आया हूं। मेरे पास सभी डॉक्युमेंट नहीं है।रिप्रेजेंटेटिव- फोटो और रेजीडेंट प्रमाण पत्र तो जरूरी है।रिपोर्टर- रेजीडेंट प्रमाण पत्र में आई कार्ड की कॉपी लगा दूंगा।

रिपे्रजेंटेटिव- ठीक है। एनएससी और हेलमेट की परचेजिंग रसीद? रिपोर्टर- मैंने एक साल पहले हेलमेट खरीदा है लेकिन उसकी परचेजिंग रसीद नहीं है।रिप्रेजेंटेटिव- वैसे तो जरूरी है लेकिन आप बाइक खरीदें यह मैनेज हो जाएगा।रिपोर्टर- एनएससी प्रमाण पत्र तो नहीं है मेरे पास।रिप्रेजेंटेटिव- इसके लिए आप को 100 रुपए अतिरिक्त देना होगा।रिपोर्टर- 100 रुपए अतिरिक्त क्यों देना होगा?रिप्रेजेंटेटिव- 100 रुपए शोरूम के खाते में नहीं जाता है, व्हीकल रजिस्ट्रेशन आरटीओ से होता है और यह पैसा आरटीओ में जमा होता है।रिपोर्टर और रिप्रेजेंटेटिव के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग आई नेक्स्ट के पास है।व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के लिए एनएससी प्रमाण पत्र और हेलमेट की परचेजिंग पर्ची एमवी एक्ट के तहत आवश्यक नहीं है। राष्ट्रीय बचत योजना को प्रोत्साहित करने के लिए एनएससी प्रमाण पत्र दिए जाने के आदेश दिए गए थे। जहां तक 100 रुपए वसूले जाने की बात है तो वह गलत है। इसकी कॅम्पलेन मिलती है तो एक्शन लिया जाएगा.मो। अंसारी, एआरटीओ

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