महंगाई को लेकर लगातार विपक्ष के निशाना पर बनी हुई मोदी सरकार को अब जाकर कुछ राहत की सांस मिली है. जून में होलसेल प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर में 0.5 परसेंट से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. जून में होलसेल महंगाई दर अब घटकर 5.43 परसेंट हो गई है. वहीं मई में ये महंगाई दर 6.01 परसेंट पर थी.


महीने दर महीने आधार परमोदी सरकार के लिए सत्ता में आने के बाद ये पहला मौका है जब सरकार को थोड़ा रिलीफ मिला है. जून में होलसेल महंगाई दर 4 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. हालांकि अप्रैल में होलसेल महंगाई दर संशोधित होकर 5.20 परसेंट से बढ़कर 5.55 परसेंट हो गई है. वहीं कोर महंगाई दर की बात करें तो ये महीने दर महीने आधार पर जून में 3.8 परसेंट से बढ़कर 3.9 परसेंट हो गई है. खाने-पीने की महंगाई दर महीने दर महीने आधार पर जून में 9.5 परसेंट से घटकर 8.14 परसेंट हो गई है. महीने दर महीने आधार पर जून में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 8.58 परसेंट से घटकर 6.84 परसेंट हो गई है. आम आदमी की टेंशन बरकरार
महीने दर महीने देखने पर ये जरूर पता चलता है कि महंगाई घटी है लेकिन कमजोर मॉनसून का असर देश के किसानों और महंगाई पर असर डाल सकता है. मोदी सरकार महंगाई में आई इस गिरावट से भले ही खुश हो ले लेकिन आम आदमी की टेंशन बरकरार है. आम आदमी की ये टेंशन इसलिए भी लाजमी है क्योंकि होलसेल महंगाई दर में भले ही कमी आई हो, लेकिन बाजार में सामान खरीदना और भी मुश्किल होता जा रहा है. आलू-प्याज के बाद अब टमाटर के दाम भी आसमान छूने लगे हैं. जहां 10 दिन पहले तक टमाटर 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, तो वहीं अब ये टमाटर 40 से 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. होलसेल मार्केट में भी टमाटर के दाम में भारी उछाल है. मॉनसून की बेरुखी और सूखे के आसार का असर बाजार में दिखने लगा है. गर्मी से झुलस रही जनता को महंगाई और जलाने लगी है.

Posted By: Subhesh Sharma