-अब तक 16 लाख का नुकसान बता रहा विभाग

-पांच लोगों की जा चुकी है जान, 16 लोग झुलसे

-चीड़ के जंगलों में भड़क रही आग के आगे बेबश वन विभाग

>DEHRADUN: देहरादून सहित पूरे उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग में जीवन जल रहा है। इंसान हो या वन संपदा सभी जल रहे हैं। अब तक पांच की जान जंगल की आग ने ले ली है, वहीं क्भ् से ज्यादा लोग बुरी तरह झुलस चुके हैं। नुकसान का आंकलन देखें तो सरकारी आंकड़ों में ही क्म् लाख से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है। इस आग के आगे पूरा वन महकमा बेबश नजर आ रहा है।

क्7ख्फ् हेक्टयेर आग से प्रभावित

यदि गौर करें तो प्रदेश में देहरादून, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, हरिद्वार सहित कई जिले जंगल की आग की चपेट में हैं। अब तक क्7ख्फ् हेक्टेयर जंगल इस आग से प्रभावित हो चुका है। वहीं देहरादून की बात करें तो नकरौंदा, ऋषिकेश, मसूरी, शिवालिक रेंज सहित राजा जी पार्क में करीब आठ जगहों पर आग लग चुकी है।

आग से नुकसान का आंकलन

रीजन घटनाएं क्षेत्र हेक्टेयर में नुकसान लाख में

गढ़वाल भ्क्0 879 8.78

कुमाउं ख्क्8 ब्ख्8 भ्.ब्म्

वाइल्ड लाइफ क्ख्फ् ब्क्म् ख्.फ्7

जन हानि को हुआ नुकसान

श्रेणि मौत झुलसे

मानव 0भ् क्भ्

मवेशी 09 ख्म्

वन्य जीव 07 कोई आंकड़ा नहीं

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आग बुझाने पहुंची तीन एनडीआरएफ की टीम

प्रदेश के वनों में आग की घटनाओं से रोकने व फंसे लोगों के बचाव के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) की तीन टुकडि़यां एवं विशेषज्ञ दल को गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्रों में तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। यूपी के चीफ सेक्रेटरी से को-ऑर्डिनेट कर उपकरण व अग्निशमन कर्मी भी बुलाए गए हैं। राज्यपाल डॉ। केके पॉल ने वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आईजी संजय गुंज्याल, नोडल के रूप में एनडीआरएफ एवं संबंधित डीएम व मुख्य वन संरक्षक(गढ़वाल/कुमाऊं) को आपस में को-ऑर्डिनेशन करने के निर्देश दिए। चीफ सेक्रेटरी शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि वनाग्नि घटनाओं से वन संपदा एवं जान-माल को होने वाले नुकसान के नियंत्रण के लिए एहतियात बरतना जरूरी है।

-वनाग्नि की घटनाओं के सूचना प्रसारण एवं रोकथाम के लिए व्हाट्सएप नंबर(राजकीय)-7ब्भ्भ्0भ्ब्8ख्8 उपलब्ध है।

-वन मित्र -9ख्08008000 एवं आपात कालीन सेवा-क्08 दूरभाष नंबर जनहित में पूर्व से ही संचालित है।

-इसके अलावा घटनाएं प्रकाश में आने पर कोई भी व्यक्ति संबंधित जिले के डीएम, डीएफओ सहित अधिकारियों को जानकारी दे सकते हैं।

वर्जन----

राजधानी से सटे वन क्षेत्रों में जहां भी आग की सूचना मिलती है, वहां टीम भेजकर आग बुझाने का काम किया जा रहा है। ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे हमारी टीम के साथ मिलकर आग पर नियंत्रण करने में मददगार साबित हो सके।

---- पीके पात्रो, डीएफओ देहरादून

Posted By: Inextlive