- कक्षा पांच के छात्रों की हरकत से रह गए थे दंग

- बालमन में विकृति से उपज रही अपराध की पौध

GORAKHPUR: किशोरावस्था उम्र की वह दहलीज होती है जहां बहकने के बहुतेरे मौके होते हैं। यौवन की ओर बढ़ रहा बालमन जाने-अनजाने में तमाम गलतियां करता है। मन में उपजे सवालों का जवाब तलाशने में कई बार मासूमियत अपराध की राह पर जा खड़ी होती है। एक बार क्राइम के दलदल में फंसने पर बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। जिले में ऐसे तमाम हीनियस क्राइम में किशोरों का नाम प्रकाश में आया है।

मूवीज के साइड इफेक्ट से जागा नन्हा हत्यारा दिमाग

वर्ष 2005 में सहजनवां एरिया में सनसनीखेज वारदात हुई। मुंबई जाकर हीरो बनने के चक्कर में पांचवीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट कातिल बन गए। कुछ मासूमों ने मूवी से इंस्पायर होकर अपने ही साथी का अपहरण कर मर्डर कर दिया। मूवी से इंस्पायर होकर उन्होंने पहले अपने क्लासमेट के अपहरण और फिरौती की योजना बनाई और फिर अपने साथी का अपहरण करके मार डाला। फिर उसके घर पर फोन करके फिरौती की रकम मांगते रहे। पीसीओ से आने वाले फोन को ट्रेस करके पुलिस ने घटना का खुलासा किया। वारदात में पकड़े गए बच्चों से पूछताछ ने पुलिस को हैरत में डाल दिया। टीवी पर फिल्म देखकर चार साथियों ने अपने पांचवें साथी का अपहरण किया। उसका मर्डर इसलिए कर दिया कि उन पर कोई शक न कर सके। इस वारदात में एक ऐसा बच्चा भी था, जो मोटी बुद्धि का था। सभी साथी उसको भोंदू कहकर चिढ़ाते थे। उससे अक्सर कहा करते थे कि तुम्हारा दिमाग तो खाली है। उसके खाली दिमाग में मर्डर की बात आएगी या नहीं, यह जानने के लिए वह अपने साथियों के साथ वारदात में शामिल हो गया।

खराब संगत ने बना दिया अपराधी

24 जून 15 को कैंपियरगंज के भौराबारी जंगल में दोपहर डेढ़ बजे बदमाशों ने आरेश नाम के किशोर को गोली मार दी। हमलावर उसकी बाइक लेकर फरार हो गया। फैमिली मेंबर्स ने रावतगंज निवासी पुरुषोत्तम जायसवाल पर शक जताते हुए एफआईआर दर्ज कराया। क्योंकि वारदात के पहले पुरुषोत्तम ही आरेश के घर से बुलाकर ले गया था। मर्डर के खुलासे में जुटी पुलिस ने पुरुषोत्तम को धर दबोचा। उससे पूछताछ करने पर वारदात की कहानी सामने आ गई। पुरुषोत्तम की एक परिचित लड़की से आरेश की जान पहचान थी। आरेश को वह बार- बार लड़की से मिलने के लिए मना कर रहा था। बात न मानने से गुस्साए पुरुषोत्तम ने आरेश को गोली मार दी। कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की संगत में रहने से पुरुषोत्तम को तमंचा और कारतूस आसानी से मिल गया। महज 25 सौ रुपए में वह तमंचा खरीदकर ले गया। आरोपी को तमंचा और कारतूस देने वाले लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।

सहजनवां में हुई वारदात बहुत ही आश्चर्यजनक थी। इसमें बच्चों के शामिल होने पर लोग यकीन नहीं कर पा रहे थे। हीरो बनने की लालसा, मुंबई जाने के चक्कर में बालकों ने मर्डर कर दिया। ऐसी कोई पहली घटना नहीं है। मैं गुलरिहा में तैनात था तब खुटहन गांव में एक घटना हुई। छह साल की बच्ची के साथ 10 से 12 साल के बच्चों ने रेप किया। उसका गला रेतकर दफन कर दिया। डेड बॉडी पर पुआल डालकर रात पर भर सोये रहे। निर्ममता की पराकाष्ठा देखकर लोग दहल उठे। मर्डर के बाद ब्लेड से चेहरे की चमड़ी उखाड़कर आरोपियों ने उलट दिया था। इस मामले में आरोपियों को सजा हो चुकी है।

दद्दन चौबे, इंस्पेक्टर

आरेश के मर्डर में चौंकाने वाली बातें सामने आई। आरोपी पुरूषोत्तम बार- बार आरेश को आगाह कर रहा था। अपने परिचित लड़की से दूर रहने का दबाव बना रहा था। उसकी बातों को नजरअंदाज करते हुए आरेश अपने रवैये पर डटा रहा। कुछ बदमाश प्रवृति के लोगों से पुरुषोत्तम का जुड़ाव था। उनकी मदद से वह तमंचा खरीदकर ले गया। आरेश को जंगल में ले जाकर गोली मार दी।

रमेश चंद्र मिश्रा, एसओ कैंपियरगंज

Posted By: Inextlive