फ्लैग:-निदा की तहरीर पर फतवा जारी करने वालों के खिलाफ एफआईआर के आदेश

-फतवा जारी होने के बाद निदा का होने लगा सोशल बायकाट

-निदा का आरोप शौहर उसके खिलाफ जारी करा रहे फतवा

BAREILLY :

इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी होने के बाद निदा खान का सोशल बायकाट होना शुरू हो गया है। वेडनसडे को निदा खान फतवा जारी करने वालों के खिलाफ तहरीर टाइप कराने के लिए कचहरी पहुंची, तो वहां पर उनके हस्तलिखित पेपर को पढ़ते ही टाइपिस्ट ने तहरीर टाइप करने से इनकार कर दिया। जब निदा ने इसका कारण पूछा तो टाइपिस्ट ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मैं इसे टाइप नहीं कर सकता मुझे माफ करो। जिसके बाद निदा खान को हाथ से लिखी तहरीर एसएसपी को देने के लिए मजबूर होना पड़ा। एसएसपी ऑफिस में बैठे सीओ क्राइम रामप्रकाश को तहरीर देकर फतवा जारी करने और कराने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। निदा का प्रार्थना पत्र लेकर सीओ ने मामले में एसपी सिटी को अवगत कराया। जिस पर एसपी सिटी अभिनदंन सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।

नियाज कराने से मौलाना का इनकार

निदा ने बताया कि उनके घर पर मौलाना नियाज कराने आते थे। लेकिन जब से जामा मस्जिद से फतवा जारी हुआ है उनके घर पर नियाज कराने आने वाले मौलाना ने भी आने से मना कर दिया है। मौलाना को बुलाया भी गया लेकिन वह नियाज कराने को तैयार नहीं हुए।

पति पर फतवा जारी करवाने का आरोप

निदा खान ने एसएसपी ऑफिस में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि शौहर शीरान रजा से उसके कई मुकदमे चल रहे हैं। शौहर फर्जी तलाकनामा और मन चाहे फतवे उसके विरोध में जारी कराते हैं। वह आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी बनाकर तीन तलाक, हलाला व बहुविवाह के खिलाफ महिलाओं के हक के लिए लड़ाई लड़ रही हैं। शौहर ने उसके खिलाफ 16 जुलाई को मो। खुर्शीद आलम से एक फतवा जारी कराया था। जिसमें उसे इस्लाम से खाजिर करने और बीमार होने पर कोई सुन्नी डॉक्टर के इलाज नहीं करना यहां तक की मौत होने पर निदा के जनाजे में किसी भी सुन्नी मुस्लिम के शामिल नहीं होने तक की बात कही गई थी। जिसके बाद से निदा को अपनी जान का खतरा सताने लगा। साथ ही उसका और परिवार का सोशल बायकाट होने लगा है। परेशान होकर निदा ने शौहर शीरान रजा, मोहम्मद खुर्शीद आलम, काजी अफजल रजवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।

आयोग से पहुंची थी टीम

ज्ञात हो किला के जामा मस्जिद से 16 जुलाई को जारी हुए फतवे पर विवाद मचा तो अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान लेते हुए दो सदस्यीय टीम जांच के लिए लखनऊ से बरेली भेजी। जांच को पहुंची टीम ने निदा खान के बयान के साथ दरगाह पर जाकर एक्सपर्ट से राय ली। जिस पर शहर काजी ने बचाव कराते हुए बताया कि फतवा निदा के लिए नही हिंदा के लिए जारी किया गया था। इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट टीम ने आयोग को सौंप दी। आयोग के आदेश के बाद निदा की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई।

20 जुलाई को जारी हुआ दूसरा फतवा

इसके बाद 20 जुलाई को ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना कौंसिल के मुईन सिद्दीकी नूरी ने निदा खान और फरहत नकवी को तीन दिन में देश छोड़ने का फतवा जारी किया था। मुईन सिद्दीकी नूरी ने जारी किए फतवे में यह भी कहा कि जो निदा और फरहत नकवी को चोटी काटकर और पत्थर मारकर देश से भगाएगा उसे संगठन की तरफ से 11,786 रुपए नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive