उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डौंडि़याखेड़ा में किले में खरबों का सोना दबे होने का एक बाबा का सपना भले ही साकार न हुआ हो लेकिन हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ऐसी झील है जिसके गर्भ में अरबों का खजाना छिपा है.


खजाना किसी ने छिपाया नहींरहस्यमयी कमरूनाग झील में यह खजाना किसी ने छिपाया नहीं है. यह खजाना आस्थावश लोगों ने झील के हवाले किया है. मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र में महाभारतकालीन कमरूनाग मंदिर से सटी पुरातन झील में कितना सोना-चांदी जमा है, इसकी स्टीक जानकारी किसी को भी नहीं है. झील में सदियों से सोना-चांदी चढ़ाने की परंपरा का निर्वहन हो रहा है. गढ़े खजाने के कारण रहस्यमयी कमरूनाग झील सुर्खियों में है.सोने-चांदी के जेवर झील को अर्पित
आषाढ़ माह के पहले दिन कमरूनाग मंदिर में सरानाहुली मेले का आयोजन होता है. मेले के दौरान मंडी जिला के बड़ादेव कमरूनाग के प्रति आस्था का महाकुंभ उमड़ता है. दूर-दूर से लोग मनोकामना पूरी होने पर झील में करंसी नोट चढ़ाते हैं. महिलाएं अपने सोने-चांदी के जेवर झील को अर्पित कर देती हैं. देव कमरूनाग के प्रति लोगों की आस्था इतनी गहरी है कि झील में सोना-चांदी और मुद्रा अर्पित करने की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह झील आभूषणों से भरी है. सुरक्षा के कोई खास प्रबंध नहीं


स्थानीय लोग कहते हैं कि झील में अरबों के जेवर हैं. समुद्र तल से नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित झील में अरबों की दौलत होने के बावजूद सुरक्षा का कोई खास प्रबंध नहीं है. यहां पर सामान्य स्थितियों जितनी सुरक्षा भी नहीं है. लोगों की आस्था है कि कमरूनाग इस खजाने की रक्षा करते हैं. देव कमरूनाग मंडी जिला के सबसे बड़े देव हैं. उनके प्रति आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके मंडी नगर में पहुंचने के बाद ही अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले का शुभारंभ होता है.खजाने को लूटने की हो चुकी हैं कोशिशेंकमरूनाग झील में स्थित खजाने को लूटने की कोशिशें हो चुकी हैं लेकिन हर बार लुटेरों को खाली हाथ जाना पड़ा है. पिछले साल भी लुटेरों ने झील में स्थित खजाने पर हाथ साफ करना चाहा लेकिन सही समय पर कमरूनाग मंदिर कमेटी को इस संबंध में सूचना मिल जाने के कारण लुटेरे अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए. पिछले दिनों जब किले में दबे खजाने को लेकर सारे देश में चर्चा थी तो मंडी के उपायुक्तदेवेश कुमार ने कमरूनाग पहुंच कर वहां सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया था.'झील में सोना-चांदी अर्पित करने की परंपरा है. झील के गर्भ में अरबों का खजाना है.'-राजकुमार सकलानी, जिला भाषा अधिकारी, मंडी'देव कमरूनाग मंदिर कमेटी की ओर से झील की सुरक्षा को लेकर कोई आवेदन आता है तो सुरक्षा प्रदान की जाएगी.'

-देवेश कुमार, उपायुक्त, मंडी

Posted By: Satyendra Kumar Singh