Kanpur: सिटी के बाहरी एरिया कल्याणपुर चकेरी नौबस्ता और बर्रा जैसे थाने संगीन वारदातों में आगे. बेकनगंज चमनगंज कर्नलगंज अनवर गंज कलक्टरगंज थानों को भी पीछे छोड़ा


A new face of crime

इस शहर और अपराध का नाता बेहद पुराना है। अपराध और अपराधियों का जिक्र आते ही आज भी चमन गंज, बेकन गंज, अनवरगंज, कर्नलगंज जैसे घनी आबादी वाले एरियाज की तंग गलियों का मंजर आखों के सामने तैरने लगता है। अपराधियों का कुरुक्षेत्र और शरणस्थली होने का कलंक इन थानों पर हमेशा से लगा रहा है। खुफिया की नजरें हर वक्त यहां लगी रहती हैं। देश में हुए बड़े-बड़े हादसों को अंजाम देने वाले आतंकियों के तार भी यहां से जुड़े रहे हैं। हार्डकोर क्रिमिनल्स पनाह लेते रहे हैं। मगर, हालात और हकीकत बदल चुकी है। बदनामी के मामले में सिटी के आउटस्कट्र्स एरियाज के थाने इनके कहीं आगे निकल चुके हैं। कल्याणपुर, चकेरी, नौबस्ता, गोविंद नगर और विधनू थाने क्रिमिनल्स का नया ठिकाना बन चुके हैं। इन थानों में दर्ज वारदातें और क्रिमिनल्स का रिकॉर्ड भी इसकी तस्दीक करते हैं। यही एरियाज पुलिस अधिकारियों के अब सिर दर्द बन चुके हैं।क्रिमिनल्स की नई पनाहगाह बने


शहर के नए नए और बाहरी मोहल्ले बदनामी की दहलीज लांघ चुके हैं। चकेरी, नौबस्ता, कल्याणपुर, बिधनू और गोविंद नगर में वारदातों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन थानों में दर्ज मामलों की संख्या चमनगंज, बेकनगंज, कलक्टरगंज, कर्नल गंज थानों से कहीं ज्यादा है। बड़े से बड़े क्रिमिनल, डकैत, कातिल और दूसरे जिलों से तड़ीपार आउटस्कट्र्स एरियाज में ही पनाह लेते हैं। कोई दिन ऐसा नहीं बीतता जब इन इलाकों में लावारिस लाशें ने मिलती हों।वो तंग गलियां अब महफूज नहींएक समय था जब क्रिमिनल्स वारदात के बाद बीच शहर के घनी आबादी वाले एरियाज की तंग गलियों में छिपते थे। इन इलाकों की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी थी कि पुलिस के लिए समझ पाना टेढ़ी खीर था। गलियों में पुलिस का घुसना मबलब जान से सीधा जोखिम लेना था। इसीलिए दूसरे जिलों और प्रदेशों से आकर भी क्रिमिनल्स यहां शरण लेते थे। मगर, पुलिस ने धीरे-धीरे इन इलाकों में शिकंजा कसना शुरू किया और कई हार्डकोर क्रिमिनल्स को इनकाउंटर में ढेर कर दिया। तंग गलियों में छिपना जितना आसान है, अगर एक बार पुलिस चारो ओर से घेर ले तो यहां से बाहर निकलना उतना ही मुश्किल। शहर के अंदर होने से इन एरियाज में पुलिस को पहुंचने में पांच मिनट से अधिक नहीं लगते। मुंबई और दुबई में बैठै डॉन भी इन गलियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इसलिए दुश्मन की गोली भी आसानी से यहां पहुंच जाती है। क्रिमिनल्स हैवेन

बदलते हालात में क्रिमिनल्स को पुलिस और लोगों की नजर से बचने के लिए शहर के बाहरी एरियाज में अपना ठिकाना बना लिया है। इनमें कल्याणपुर अपराधियों सबसे पसंदीदा एरिया है। इसके बाद चकेरी, नौबस्ता, बर्रा, गोविंद नगर और विधनू थाना एरिया हैं। क्योंकि ये सभी नए एरियाज हैं और अभी डेवलप हो रहे हैं। बहुत सारे प्लॉट और मकान खाली पड़े हुए हैं। किराए पर रहने के लिए घर-मकान आसानी से और सस्ते मिल जाते हैं। पहचान बदलकर अपराधी यहां रहने लगते हैं। क्रिमिनल्स अपहरण के बाद पकड़ को इन्हीं खाली मकानों में रखते हैं। जल्दी पुलिस की इन पर नजर नहीं जाती। थानों का एरिया बहुत बड़ा होने की वजह से पुलिस का मूवमेंट कम है। वारदात के बाद पुलिस को मौके पर पहुंचने में भी काफी वक्त लगता है। सभी एरिया हाईवे से लगे हुए हैं। वारदात के बाद अपराधी हाइवे के रास्ते कुछ ही देर में शहर की सीमा से बाहर हो जाते हैं। मामला ठंडा पडऩे पर फिर लौट आते हैं।नए ठिकानों ने उड़ाई नींद

अपहरण, चेन स्नेचिंग, वाहन चोरी के सबसे ज्यादा मामले शहर के बाहरी थाना क्षेत्रों में हो रहे हैं। इन पर लगाम लगाना पुलिस के  लिए मुश्किल साबित हो रहा है। क्रिमिनल्स के नए ठिकानों से पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ी है। ऑफिसर्स ने ऐसे हार्डकोर क्रिमिनल्स के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए उनका खाका तैयार किया है। ये हैं अपराधियों के मददगारसिटी में फर्जी तरह से जमानत लेने वालों का गैंग भी सक्रिय है। खुद डीआईजी ने माना है कि बाहर आए क्रिमिनल्स की जमानत लेने वाला गैंग चल रहा है। गैंग में रेलवे और जेल के कर्मचारी हैं जो अपराधियों के लगातार टच में रहते हैं। उन्हें जरूरत की हर चीज मुहैया करवाते हैं। इंटरनेट के जरिए सिटी की गलियों का मैप भी उपलब्ध कराते हैं। मैप से एरियाज की जानकारी कर क्रिमिनल्स रेकी करते है फिर संगीन वारदातों को अंजाम देते हैं। डीआईजी के हाथ लगी रिपोर्ट के बाद अपराधियों की फर्जी जमानतें लेने वाले गैंग्स में हडक़ंप मच गया है। ऐसे संदिग्धों की लिस्ट तैयार की गई है।टॉपटेन थाने1. रिकार्ड 20122. गोविंद नगर 1430 3. छावनी 1233 4. कल्याणपुर 10875. चकेरी 8266. कनर्लगंज 549 7. नौबस्ता 400 8. चमनगंज 231 9. बेकनगंज 206 10. मूलगंज 90 11. अनवरगंज 357 रिकार्ड 2011- गोविंद नगर 1200 - कल्याणपुर 800- छावनी 700- चकेरी 500- बेकनगंज 400 - कनर्लगंज 300- चमनगंज 300 - नौबस्ता 200- मूलगंज 150---------------
इसके अलावा पूर्वी जोन में 3722, पश्चिम जोन 3539 और ग्रामीण में 3749 क्रिमिनल्स है। ये वो क्रिमिनल्स है जो लूट, हत्या, डकैती, अपहरण और फिरौती, नकबजनी जैसी वारदातों को अंजाम देते है। तेरा पीछा नपुलिस रिकॉर्ड में क्रिमिनल की दो फाइल फोटो, घर का पता, दोस्तों का नाम, फैमिली बैक ग्राउंड के साथ उसकी आमदनी के बारे में जिक्र होता है। वहीं नए पुराने सारे फोन नंबर कलेक्ट किए जा रहे हैं। शहर छोड़ते वक्त इन अपराधियों की सूची संबंधित उस थाने भेजी जायेगी। ताकि वो वहां जाकर कोई नई वारदात को अंजाम न दे डालें। -------आउट स्कर्ट्स में हुए कुछ बड़े क्राइम- 2012 कल्याणपुर में सीनियर सिटीजन की लूट के बाद कर दी थी हत्या- 2012 कल्याणपुर में छुपे बावरिया के सरदार राहुल बावरिया का एसटीएफ ने किया था एनकाउंटर-2012 बिधनू में मासूम शिवम की हत्या के बाद अपहरण कर्ताओं ने कर दी थी हत्या- 2012 गोविंद नगर में कुख्यात अपराधी और बावरिया गैंग को ऑपरेट करने वाला अशोक नट फैमिली संग रहता था। एसटीएफ ने पकडऩे की कोशिश की लेकिन वो पुलिस पर ही हमला कर भाग निकला। पुलिस को अभी तक उसकी कोई लोकेशन नही मिली।- 2012 नौबस्ता हाईवे पर बदमाशों ने लूट के बाद ट्रक चालक व क्लीनर की हत्या कर फेंक दिया।

Posted By: Inextlive