ट्रेन में सफर के दौरान आपको इमरजेंसी में जीआरपी की मदद चाहिए. जीआरपी का कंट्रोल रूम सिस्टम आपको स्वयं खोज कर ट्रेन के अंदर ही व अगले स्टेशन पर हेल्प दे देगा.

- ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स को इमरजेंसी पड़ने पर चंद मिनटों में मिलेगी हेल्प

जीआरपी यूपी हेल्प एप अगस्त में लांच किया जाएगा एप, अभी चल रहा ट्रायल

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KANPURट्रेन में सफर के दौरान आपको इमरजेंसी में जीआरपी की मदद चाहिए। तो अब सिर्फ एक बटन दबाने की जरूरत है। जिसके बाद जीआरपी का कंट्रोल रूम सिस्टम आपको स्वयं खोज कर ट्रेन के अंदर ही व अगले स्टेशन पर हेल्प दे देगा। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आपको सिर्फ अपने स्मार्ट फोन में 'जीआरपी यूपी हेल्प' एप डाउन लोड करना होगा। यह एप अगस्त माह में लांच किया जाएगा।

कैसे यह एप करेगा काम
जीआरपी सीओ राजेश द्विवेदी ने बताया कि 'जीआरपी यूपी हेल्प' एप को ओपन करते ही पैसेंजर्स को एक एसओएस बटन दिखाई देगा। सफर के दौरान पैसेंजर इमरजेंसी पड़ने पर इस बटन को दबा देगा। जिसके दबाते ही उसकी लोकेशन जीआरपी कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगी। कंट्रोल में बैठे ऑपरेटर पैसेंजर की लोकेशन पता कर संबंधित थाने में पूरी जानकारी देकर पैसेंजर तक हेल्प पहुंचाएगा।

एफआईआर की कॉपी भ्ाी ले सकेंगे
जीआरपी अधिकारियों के मुताबिक इस एप में पैसेंजर्स ट्रेन में सफर के दौरान जीआरपी की हेल्प तो ले ही सकते हैं। इसके अलावा पैसेंजर्स इस एप के जरिए की गई शिकायत का फीडबैक व एफआईआर की कॉर्पी भी ले सकता है। साथ ही एप की मदद से वह जीआरपी अधिकारियों से संपर्क करने के साथ उपयोगी जानकारी भी ले सकता है।

 

ट्रायल पर चल रहा काम
एनसीआर सीपीआरओ अजीत कुमार ने बताया 'जीआरपी यूपी हेल्प' एप का ट्रायल किया जा रहा है। कुछ माह पहले एमपी जीआरपी अधिकारियों ने इस एप को लांच किया था। जिससे पैसेंजर्स को काफी राहत मिली है। एप की सफलता को देखते हुए अधिकारियों ने इस सुविधा को यूपी में भी लांच करने का निर्णय लिया है।

हेल्प के लिए इसकी भी ले सकते मदद
आरपीएफ आईजी एसएन पांडेय ने बताया कि पैसेंजर्स ट्रेन में सफर के दौरान इमरजेंसी में जीआरपी व आरपीएफ की मदद के लिए 138 व 182 टोल फ्री नंबर पर भी काल कर सकते हैं। इसके साथ ही वे कोच के टीटीई के माध्यम से ट्रेन में मौजूद स्कॉट सिपाहियों की भी मदद ले सकते है। साथ ही ट्विटर के माध्यम से वह डिविजन के अधिकारियों से भी मदद की गुहार लगा सकते हैं।

आंकड़े

378 से अधिक ट्रेनों का आवागमन

3 लाख पैसेंजर्स का प्रतिदिन आवागमन

24 घंटे में 50 से अधिक शिकायतें कंट्रोल में आती हैं

30 से अधिक वीआईपी ट्रेनों का आवागमन

एमपी जीआरपी एडीजी की तरफ से मेरे पास इस एप का पूरा प्रोसेस भेजा गया था। जिस पर हम वर्क कर रहे हैं। पैसेंजर्स की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। एप का ट्रायल कर जल्द ही इसे लांच किया जाएगा।

अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर

Posted By: Inextlive