मंडे को सिटी के पंडालों में मां दुर्गा के विराजमान होते ही कानपुराइट्स पूरी तरह भक्ति रस में डूब गए.


कहीं मंदिर रूपी पंडाल में मां विराजीं हैं तो कहीं महल में। आई नेक्स्ट रिपोर्टर को इन पंडालों में जाकर उनकी विशेषता और भव्यता के बारे में जो मालूम चला वो वाकई में अद्भुत था। आइए आपको रुबरु कराते हैं. 

बात सबसे पुरानी दुर्गा पूजा की

एवी विद्यालय में होने वाली सिटी की सबसे पुरानी दुर्गा और काली पूजा है। यहां एक ही चाल(बेस) पर तार के साज से सजी मां दुर्गा, सरस्वती-कार्तिकेय, गणेश-लक्ष्मी के दर्शनों को भक्तों को तांता लगा रहता है। करीब 50 फुट ऊंचे दुर्गापूजा पंडाल के गेट को लालकिला का रूप दिया गया है। इलेक्ट्रिसिटी कम से कम खर्च हो इसके लिए पंडाल को क्रीम और व्हाइट कपड़े से बनाया गया। रोशनी के लिए सीएफएल का इस्तेमाल किया गया है। श्री श्री बरवाड़ी दुर्गा पूजा कमेटी के वाइस प्रेसीडेंट एसएल मुखर्जी ने बताया कि मां का आगमन हाथी पर हुआ। उनका गमन दोलना पर होगा। यहां सुबह की पुष्पांजलि और आरती से होती है।

पंडाल के gate पर हाथी

‘मालरोड की महादेवी’ का भव्य पूजा पंडाल रिजर्व बैंक के सामने सजाया गया है। प्राचीन महल रूपी इस पंडाल के गेट पर महावत संग हाथी मौजूद हैं। पंडाल के ऊपरी हिस्से पर प्रथम पूज्य गणेश जी और मां की सवारी शेर की मूर्तियां विराजमान है। भव्य पंडाल को देखते ही एमजी मार्ग से गुजरने वाले अपने आपको रोक नहीं पाते हैं और दर्शन जरूर करते हैं। सोला और पारम्परिक गोटा से सजी मां दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती और कार्तिकेय संग विराजमान हैं। श्री श्री मॉलरोड सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी के जनरल सेक्रेटरी आशीष राय और मयंक चौहान ने बताया कि पुराने महलों को देखकर पंडाल का यह रूप दिया गया है। जो एक नजर में देखने पर मंदिर जैसा प्रतीत होता है। गंगा और अन्य पवित्र नदियों का जल मिïट्टी में मिलाकर मूर्तियां बनाई जाती है। एंट्री गेट संकरा होने की वजह से मूर्तियां अलग-अलग ही रखी जाती हैं। आरती में महिलाओं, बच्चों समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। बाल निकुंज स्वरूपनगर में सजाए गए पूजा पंडाल में मां दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती और कार्तिकेय की पारंपरिक मूर्तियों के अलावा भी कई भव्य मूर्तियां सजाई गईं। सैकड़ों लोग फैमिली के साथ पहुंचे और मां के दर्शन किए। पंडाल के एक हिस्से में लगे स्टाल्स में बच्चों ने गोल-गप्पे, भेलपुरी का लुत्फ उठाया। सेंट्रल सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी के कोषाध्यक्ष प्रवीण भाट्टाचार्य ने बताया कि बंगाल के राजघरानों के महल के पैटर्न पर पंडाल बनवाया गया है.

Posted By: Inextlive