RANCHI: भादो का एकादशी करम गाड़ाय हो दुतिया ही रंथ चलाय हो... गाव केरा पाहन राजा करम गाड़ाय हो राजा ठाकुर रंथ चलाय हो...करम का दिन आले रे जोगिया बैठले धरम-दुवार रे.. दे से गे आयो अनवा-धनवा जोगी भइया दुवारे बैसय रे.. न लेबो अना-धना ने लेबो सोना-रूप हमें लेबो कनिया कुंवार रे...के बज रहे गीत हमें अहसास करा रहें कि करम पर्व नजदीक आ चुका है. इन दिनों प्रकृति पर्व करमा को लेकर अखरा को सजाने की तैयारी चल रही है. खोड़हा की टीमें करमा के गीत और मांदर की ताल पर सभी को झूमने के लिए तैयार हो रही है. हर साल की तरह इस साल भी करमा को सेलिब्रेट करने के लिए सिटी के डिफरेंट करमा परब कमिटीज की ओर से जोरशोर से तैयारी की जा रही है. गौरतलब है कि 15 सितंबर को करमा पर्व सेलिब्रेट किया जाएगा.


करमा के पीछे की कथा
प्रकृति पर्व करमा झारखंड के ट्राइब्स के सबसे इंपॉर्टेंट फेस्टिवल्स में से एक है। भादो शुक्ल पक्ष के एकादशी के दिन बड़ी ही धूमधाम से इसे मनाया जाता है। इस दिन अखड़ा में करम पेड़ की तीन डालियों को पवित्रता पूर्वक लगाकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन कोटवार द्वारा सोसाइटी के  लोगों को करम कथा सुनने के लिए लोगों को बुलाया जाता है। इस दिन करमा दउरा या थाली में पूजन सामाग्री को तेल, सिंदूर, धूप-हवन, खीरा, चीउड़ा, जावा फूल, अरवा चावल, दूध, फल और फूल को सजाकर देउरा में दीपक जलाते हुए अखड़ा में लाया जाता है। इस दौरान हर कोई करमा पेड़ के चारों ओर करम के गीतों पर ग्रुप बनाकर नृत्य करते हैं। करमा पूजा के कई फेज होते हैं. इसके तहत करमा के लिए जावा उठाना, करम काटने के लिए जाते समय पूजा करना, करमा डाल को अखड़ा में लगाते वक्त प्रार्थना करना और  पाहन के सानिध्य में करम पूजा का होना शामिल है। करम की कथा शुरू होने के पहले मुर्गा की बलि देने की भी परंपरा रही है।

मांदर की थाम और करम गीत
सिटी में करम परब को धूमधाम से सेलिब्रेट करने की परंपरा पिछले कई सालों से चलती आ रही है। करम परब की पूर्व संध्या पर पर ऑर्गनाइजिंग कमिटीज की ओर से कल्चरल प्रोग्राम ऑर्गनाइज की जाती है.   मोरहाबादी मैदान, हेहल बगीचा टोली और रांची कॉलेज ग्राउंड और आरयू के ट्राइबल एंड लैंग्वेज डिपार्टमेंट के अखरा में खासतौर पर होनेवाले करमा परब के कल्चरल प्रोग्राम में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।

आरएमसी की भी तैयारी  
रांची म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने भी करमा परब को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। सरना पूजा स्थल (अखड़ा) और जिन-जिन प्लेसेज पर यह सामूहिक रुप से सेलिब्रेट किए जाएंगे, वहां साफ-सफाई अभियान शुरू करने की तैयारी हो चुकी है। जर्जर सड़कों को मरम्मत करने के डायरेक्शन दे दिए गए हैं।

Posted By: Inextlive