कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायकों ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया है। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। ध्यान रहे कि राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार है।


बेंगलुरू (आईएएनएस/पीटीआई)। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार एक बार फिर से संकट में घिरती दिख रही है। शनिवार को कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायकों ने अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिए हैं। इस बात की स्पीकर केआर रमेश कुमार ने पुष्टि कर दी है। स्पीकर ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को एमएलए के इस्तीफा लेकर एकनाॅलेजमेंट देने के लिए कह दिया है। रविवार को कार्यालय बंद रहेगा और सोमवार को उनका पहले से एक अन्य स्थान पर कार्यक्रम तय है इस वजह से वे मंगलवार को विधानसभा जाएंगे। उसी दिन नियम के हिसाब से वे इस मामले में आगे की कार्रवाई करेंगे। सरकार पर संकट के सवाल पर उन्होंने कहा कि इंतजार करिए वे इसमें कुछ नहीं कर सकते, सरकार गिरेगी या बचेगी जो भी होगा वह विधानसभा में तय होगा।रामलिंग ने कहा पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की पूछ नहीं


इस्तीफा सौंपने से पहले सिटी सेंटर स्थित विधानसभा में स्पीकर के कार्यालय के बाहर कांग्रेस के एक एमएलए रामलिंग रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पार्टी से रिजाइन करने का फैसला कर लिया है और वे यहां स्पीकर को इस्तीफा सौंपने के लिए वेट कर रहे हैं। उनका कहना था कि वे चार दशकों से पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की न कोई इज्जत बची है और न ही उनका कोई महत्व रह गया है।कांग्रेस के आठ, जेडीएस के तीन ने दिया इस्तीफाकांग्रेस के रामलिंग रेड्डी शहर के दक्षिण-पश्चिम उपनगरीय बीटीएम लेआउट विधानसभा क्षेत्र से एमएलए हैं। उनके साथ कांग्रेस के रमेश जरकिहोली (गोकक विधानसभा क्षेत्र), प्रताप गौड़ा पाटिल (मस्की विधानसभा क्षेत्र), शिवराम हेब्बर (येल्लपुर विधानसभा क्षेत्र), महेश कुमतहल्ली (अतनी विधानसभा क्षेत्र), बीसी पाटिल (हीरेकेरुर विधानसभा क्षेत्र), बाइरतिबासवराज (केआर पुरम विधानसभा क्षेत्र) और एसटी सोम शेखर (यशवंतपुर विधानसभा क्षेत्र) शामिल थे। जेडीएस के एमएलए में हाल ही में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके एएच विश्वनाथ (हुनसुर विधानसभा क्षेत्र), नारायण गौड़ा (केआर पेट विधानसभा क्षेत्र) और गोपालनैया (महालक्ष्मी विधानसभा क्षेत्र) शामिल थे। स्पीकर के कार्यालय में इस्तीफा सौंपने के बाद सभी एमएलए राज्यपाल वजुभाई वला से मिलने राजभवन पहुंचे। ध्यान रहे कि 1 जुलाई को विजय अयंगार विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के एक एमएलए आनंद सिंह इस्तीफा दे चुके हैं, जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।शिवकुमार का दावा सरकार पर कोई संकट नहीं

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के संकट मोचक डीके शिवकुमार भी विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सरकार पर कोई संकट नहीं है। वे विधायकों से बात करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी एमएलए मेरे मित्र हैं और उनमें से कोई भी इस्तीफा नहीं देगा।कर्नाटक में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ाकर्नाटक की 224 सदस्यों वाली विधानसभा में गठबंधन सरकार के एमएलए की संख्या 118 है। स्पीकर के अतिरिक्त इसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37, बीएसपी का 1 और 2 स्वतंत्र एमएलए शामिल हैं। 118 की संख्या में इस्तीफा दे चुके एमएलए भी शामिल हैं क्योंकि अभी तक उनका इस्तीफा स्पीकर द्वारा स्वीकार नहीं हुआ है। बीजेपी के 105 एमएलए हैं। जबकि मौजूदा हालात में सरकार बनाने के लिए 114 की संख्या चाहिए। लोकसभा चुनाव के बाद से ही सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं को इस बात का डर सता रहा था कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर सकती है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस दोनों मिलकर सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर सके। जबकि बीजेपी ने राज्य की 27 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की थी और एक सीट पर उनके समर्थन से एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी।

Posted By: Satyendra Kumar Singh