- 11,111 आटे के दिये से रोशन हो गया गोमती तट

- कतिकी मेला में महिलाओं ने की जमकर खरीदारी

LUCKNOW: कार्तिक पूर्णिमा की गोधूलि में गोमती की महाआरती के साथ हजारों दीपक देवताओं की आराधना में प्र”वलित किये गये। काशी और हरिद्वार में होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर लखनऊ में मां गोमती की महाआरती हुई। मनकामेश्वर उपवन स्थित गोमती तट पर 11 आरती मंचों पर श्रीमहंत देव्यागिरि और अन्य ब्राह्मणों ने विधिविधान पूर्वक मां गोमती की पूजा अर्चना की। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी, राज्य मंत्री प्रो। अभिषेक मिश्रा सहित विभिन्न राजनेता, समाजसेवी और हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

रोशनी से जगमगा गई गोमती तट

देव दीपावली पर आटे से बने 11,111 दीपक प्र”वलित किये गये। महिला श्रद्धालुओं द्वारा भारी संख्या में आटे के दीपक तैयार किये गये थे जिसे दीपदान के बाद गोमती में प्रवाहित किया गया। सैकड़ों टेबल पर प्र”वलित दीपों से उपवन जगमगा उठा। कार्यक्रम के मध्य में आतिशबाजी भी हुई। बुधवार को कुडि़याघाट के अलावा शहर के सभी घाटों पर मनोरम दृश्य नजर आया। यहां कार्तिक पूर्णिमा पर मां गोमती की महाआरती करने के साथ ही पूरी श्रद्घा के साथ लोगों ने डुबकी लगाई। देव दीपावली और मां गोमती की आरती के लिए 11,111 दीपों की दीपांजलि हुई। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने गोमती को स्वच्छ रखने की शपथ ली। बुधवार की शाम मां गोमती की भव्य महाआरती हुई और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों लोगों ने गोमती में आस्था की डुबकी लगाई।

गोमा में प्रभावित किए गए आटे के दीये

कार्तिक पूर्णिमा के इस मौके पर हजारों लोगों ने कुडि़याघाट के अलावा डालीगंज के अलावा विभिन्न घाटों पर सवेरे से ही पहुंकर डुबकी लगाई और शांति की प्रार्थना की। वाराणसी और हरिद्वार के घाट की तर्ज पर लखनऊ में गोमती की महाआरती हुई। यह महाआरती देव दीपावली के मौके पर शहर के मनकामेश्वर मंदिर ने आयोजित की। भव्य आरती का आयोजन मनकामेश्वर उपवन घाट में हुआ। जिसकी अगुवाई मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्यागिरि ने की। आरती के जरिए राष्ट्र रक्षा का संकल्प लिया गया। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि ने बताया कि देव दीपावली के शुभ अवसर पर घाट को दीयों से जगमगाया गया और नदी की पवित्रता और शुद्धता बनाये रखने का संदेश देने के लिए आरती की गई। आरती बिल्कुल वाराणसी और हरिद्वार के घाट की तर्ज पर हुई, जिसके दर्शन के लिए हजारों भक्तों ने शिरकत की। इस अवसर पर 200 मेजों पर आटे के बने दीपक जलाकर गोमा में प्रवाहित किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मंत्रमुग्ध

मंच पर हरिओम संकीर्तन मण्डली ने जहां भजनों की गोमती बहाई वहीं सुनैना के संयोजन में भजनों पर आधारित कत्थक आदि विविध शैलियों में हुए नृत्य आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। जया त्रिपाठी के संयोजन में संचालित यूपी की पहली महिला बैंड मेरी जिंदगी की प्रस्तुति ने भक्ति, संवेदना और सामाजिक सरोकारों को जोड़ने का कार्य किया।

कतिकी के मेले में जमकर हुई खरीदारी

गंगा स्नान के साथ बुधवार से शुरू हुए डालीगंज के कतिकी मेल में पहले दिन काफी भीड़ रही। मेले में फाइबर के बर्तनों की दुकान पर पांच रुपए से लेकर बीस रुपए में डिजाइनर बर्तन उपलब्ध हैं। पांच रुपए में फाइबर की डिजाइनर कटोरियां व चम्मच साथ ही बीस रुपए में खाने की प्लेट व चाय की ट्रे को लेने के लिए ग्राहकों की काफी भीड़ लगी रही। मेले में हमेशा की तरह इस बार भी भुर्जा की क्रॉकरी महिलाओं के बीच आकर्षण केंद्र बनी रही। यहां पांच रुपए पीस में मिल रहे चाय के कप व प्लेट को लेने के लिए लोगों ने पंसद की। वहीं साठ रुपए दर्जन में कांच के चाय के कप भी लोगों ने खरीदे। यहां लकड़ी के बने हुए आटा व अनाज छानने की छन्नी से लेकर रोटी बनाने का पीढ़ा व बेलन इमामदस्ते के साथ सहारनपुर के बने हुए लकड़ी के बर्तन व सजावटी समान में आकर्षक लैंप, टेलीफोन, चमचे, करछी, पूजा चौकी आदि भी मौजूद हैं। विक्रेता राना मंसूरी ने बताया कि वह मेले में पिछले कई सालों से लगातार सहारनपुर से आकर स्टाल लगाते है। यहां पीलीभीत से आकर करीब पचास वर्षो से बांसुरी बेच रहे विक्रेता नत्थू बताते हैं कि मैं इस मेले में तब से आ रहा हूं जब सूरज कुंड पार्क में सिर्फ एक तालाब था जहां लोग दूर-दूर से नहाने आते थे। पहले मेले में घूमने के लिए दूर-दूर के गांवों से लोग बैल गाडि़यों से आते थे और एक दो दिन ठहर कर खरीदारी करते थे। पर अब मेले में आने वालों की संख्या में बराबर कमी होती जा रही है।

Posted By: Inextlive