RANCHI : बुधवार को गुरुनानक हॉस्पिटल में स्वयंसेवी संस्था करूणा ने मासूम को गोद ले लिया। समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी और बाल आयोग की अध्यक्ष की मौजूदगी में करूणा एनजीओ के ट्रस्टी डॉ एचपी नारायण, ऊषा रानी और डॉ सतीश मिढ्ढा के अलावा गुरुनानक हॉस्पिटल मैनेजमेंट कमिटी के वीरेंदर सिंह, नवजोत सिंह अलंक, गुरुचरण सिंह, सतपाल सिंह और गुरमीत सिंह मौजूद थे।

एंबुलेंस में मिला था नवजात

नवजात जब एक दिन का था, तब गुरुनानक हॉस्पिटल के पास एक एंबुलेंस में उसे किसी ने छोड़ दिया था। उस वक्त नवजात की हालत काफी नाजुक थी। हॉस्पिटल के कुछ स्टाफ्स की नजर एंबुलेंस में पड़े बच्चे पर पड़ी थी। वे नवजात को हॉस्पिटल ले आए थे। यहां उसका ट्रीटमेंट शुरू हुआ। कुछ महीनों की ट्रीटमेंट के बाद वह बिलकुल स्वस्थ हो गया। इस दौरान हॉस्पिटल में नवजात का पूरा देखभाल किया गया।

पांच महीने रहा हॉस्पिटल में

हॉस्पिटल में मासूम का न सिर्फ अच्छे तरीके से इलाज हुआ, बल्कि यहां की नर्सेज व स्टाफ्स का भी पूरा प्यार नवजात को मिला। पिछले पांच महीनों में उसकी देखभाल का जिम्मा नर्सेज ने ले रखी थी। उसका नर्सेज हर समय ख्याल रखती थीं। जब वह एक दिन का था, तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी, लेकिन अब उसका वजह 11 केजी हो चुका है। इतना ही नहीं, मासूम अब हर लिहाज से स्वस्थ और फिट है।

पुलिसकर्मी दुखिया की शहादत बेकार नहीं जाएगी : सीएम

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पुलिसकर्मी दुखिया मुर्मू के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होने कहा कि दुखिया मुर्मू कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी थे। इनकी शहादत हमेशा याद रखी जाएगी। गौरतलब है कि ईस्ट सिंहभूम के मुसाबनी ब्लॉक में टुसू पर्व के दौरान नक्सलियों के दस्तक देने की गुप्त सूचना पुलिस को मिली थी। इसके बाद एएसपी अभियान, सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीम ने इलाके की घेराबंदी कर ली थी। मेले में सामान्य वेशभूषा में पहुंचे नक्सलियों की पुलिस से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान एएसपी अभियान के बॉडीगार्ड दुखिया मुर्मू के सिर में गोली लग गई। गंभीर हालत में इन्हें टीएमएच में एडमिट किया गया, जहां मंगलवार की देर रात उनका निधन हो गया।

Posted By: Inextlive