'काशी' बताएगा शहरी सुविधाओं का हाल
-तैयार हो रहे काशी एप में सफाई, प्रकाश, पानी, सीवर व ट्रैफिक के बारे में मिलेगी जानकारी
-एप में समस्याओं से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकेंगी, जल्द होगी लांचिंग >varanasi@inext.co.in VARANASI जल्द ही आप 'काशी' एप से शहरी सुविधाओं का हाल जान सकेंगे। नगर निगम, जलकल विभाग और ट्रैफिक से जुड़ी जनसुविधाओं को ऑनलाइन किया जाएगा। इसके साथ ही एप में बुनियादी समस्याओं से जुड़ी छोटी-बड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकेंगी। इसमें शिकायतों के निस्तारण के बाद पब्लिक फीडबैक की व्यवस्था भी रहेगी। यानी, विभाग शिकायत दूर होने के बाद पब्लिक की राय भी जानेगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यह एप तैयार हो रहा है। जल्द ही इसे लांच किया जाएगा। खास बात यह है कि यह नगर निगम के 'स्वच्छता एप' से अलग और अपग्रेड होगा। इसकी मॉनीटरिंग काशी कमांड एंड कंट्रोल रूम से होगी। स्ट्रीट लाइट्स पर लगेंगे सेंसरदरअसल, तमाम दावों के बावजूद शहर में सही तरीके से सफाई नहीं हो पाती है। पर्याप्त मैनपावर और वाहनों के बावजूद तमाम गलियों में प्रॉपर सफाई नहीं होती और न ही समय से कूड़े का उठान होता है। इसलिए अब डस्टबिन में सेंसर लगेंगे। जिससे कंट्रोल रूम से नियमित सफाई व कूड़े का समय से उठान की मॉनीटरिंग हो सकेगी। साथ ही रोड्स की स्ट्रीट लाइट्स पर भी सेंसर लगेंगे। जिससे लाइटों के जलने और बुझने का समय पता चल सकेगा।
वाहनों पर लगेगा 'जीपीएस' इसके अलावा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम के सभी छोटे-बड़े वाहनों पर जीपीएस लगेगा। इससे वाहनों की लोकेशन ट्रेस हो सकेगी और रफ्तार पर भी नजर रहेगी। नगर निगम की गाड़ी ने कब कूड़ा उठाया और कब डम्पिंग स्थल पर खाली किया। यह आसानी से जाना जा सकेगा। पानी, सीवर पर रहेगी नजर 'काशी' एप के माध्यम से ट्रैफिक, पानी, सीवर और रोड्स पर भी नजर रहेगी। स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट के तहत रोड्स पर हाई डेफिनेशन (एचडी) कैमरे लगेंगे। वहीं पानी और सीवर के लिए इंटीग्रेटेड कम्प्लेंट सॉल्व सिस्टम (समन्वित शिकायत निस्तारण प्रणाली) को एप से जोड़ा जाएगा। रोड्स की हालत जानने के लिए पीडब्ल्यूडी के 'बाज' सॉफ्टवेयर से इसे जोड़ने की योजना है। एप के होंगे तीन पार्ट - नगरीय सुविधाओं की वस्तु स्थिति - शिकायत व उसका निस्तारण - पब्लिक फीडबैक ये रहेगा खास - शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की प्रॉपर तरीके से मॉनीटरिंग होगी। - ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत वाहनों का मूवमेंट व ई-चालान की व्यवस्था रहेगी।- रोड्स पर लगे कैमरों से वाहनों की पहचान होने से आपराधिक घटनाओं की जांच में एप मदद करेगा।
- पेयजल, सीवर व रोड्स से जुड़ी हकीकत सामने होगी और शिकायतें जल्द दूर हो सकेंगी। - लाइट्स पर सेंसर लगने से समय से जलाई व बुझाई जा सकेंगी। इससे बिजली की बचत होगी। - बुनियादी समस्या होने पर उसकी फोटो एप पर अपलोड कर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। - एप में सफाईकर्मियों की उपस्थिति जांचने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। एक नजर 12 घंटे में शिकायत का निस्तारण 350 एचडी कैमरे लगेंगे शहर में 154 करोड़ की लागत से बन रहा है कमांड सेंटर वर्जन-- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तैयार हो रहे 'काशी' एप का मकसद शहरी सुविधाओं की और बेहतर तरीके से मॉनीटरिंग करना है। शिकायत के बाद पब्लिक रिस्पांस जानने के लिए इसमें फीडबैक ऑप्शन की भी व्यवस्था है। रमेश चन्द्र सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त