- श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद बोर्ड की बैठक में हुआ निर्णय

-कर्मचारियों की नियुक्ति को मिली स्वीकृति

- जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान रहेंगे एनडीआरएफ व सेना के रिटायर्ड जवान

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VARANASI

श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद बोर्ड की पहली बैठक बुधवार को अनुश्रवण कक्ष में हुई। इसकी अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि परिषद का मूल उद्देश्य श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को बेहतर सुविधा मुहैया कराना है। इसके लिए मंदिर के आसपास के स्थलों को चिह्नित कर उनका सर्वागीण व नियोजित विकास किया जाएगा।

होगा पाथवे का विकास

कमिश्नर ने कहा कि श्रद्धालु गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए घाट से मंदिर तक आ सकें इसके लिए पाथवे का विकास कराया जाएगा। साथ ही एरिया की पौराणिकता व धार्मिकता के महत्व को कम करने वाले बेतरतीब निर्माण पर रोक लगेगी। पूरे एरिया की समुचित साफ-सफाई होगी। उन्होंने कहा कि परिषद के क्षेत्र में आने वाले भवनों के निर्माण से जुड़ा कोई भी नक्शा अब वीडीए स्वीकृत नहीं करेगा। इस दौरान परिषद के संचालन के लिए नियोजन, सम्पत्ति, निर्माण, विधि, अधिष्ठान, लेखा व कम्प्यूटर अनुभाग आदि में नियुक्त होने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के पदों को स्वीकृति मिली।

मंदिर के पास होगा कार्यालय

कमिश्नर ने कहा कि परिषद का कार्यालय मंदिर के आसपास ही बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिह्नित भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान उसमें मिलने वाले पुरातात्विक महत्व की सामग्री पर परिषद का अधिकार होगा। उसे सुरक्षित रखा जायेगा। जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान सम्भावित हादसे के मद्देनजर एनडीआरएफ व सेना के रिटायर्ड जवानों को निश्चित समय के लिए नियुक्त करने पर सहमति बनी। मंदिर जाने वाले मार्गो के विस्तारीकरण व सुंदरीकरण योजना के तहत क्रय किए जाने वाले शेष भवनों की रजिस्ट्री तय समय में करने का निर्देश दिया। मीटिंग में डीएम सुरेन्द्र सिंह, नगर आयुक्त डॉ। नितिन बंसल, वीडीए वीसी राजेश कुमार, सीईओ विशाल सिंह व बोर्ड के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive