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PATNA : पुलवामा अटैक के बाद जहां पूरे देश की नजर कश्मीर पर है, वहीं कश्मीरियों की नजर बिहार पर है। यही कारण है कि अचानक से बिहार में कश्मीरी बढ़ने लगे हैं। वैशाली के पास एक गांव ऐसा है, जहां पिछले कुछ दिनों में कश्मीरियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अचानक बढ़ रही इस संख्या ने पुलिस को टेंशन में डाल दिया है। पुलिस ने इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। कश्मीरियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पेश है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की सावधान करती यह रिपोर्ट

गतिविधियों पर निगरानी

विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक ने वैशाली के डीएम और एसपी के साथ मुजफ्फरपुर के मंडलीय आयुक्त, प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, क्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि वैशाली जिला के जरुआ बाजार के जरुआ में मोहम्मद शमी के बगीचे में विगत कुछ दिनों से कुछ कश्मीरी मुस्लिम परिवार महिलाओं और बच्चों के साथ 25 से 30 की संख्या में टेंट लगाकर रह रहे हैं। मोहम्मद शमीम मामू भांजा मजार समिति के संयोजक हैं। इनके भाई मोहम्मद गुडडू द्वारा प्रत्येक टेंट के लिए 1000 रुपया लिया जाता है।

धीरे-धीरे बढ़ी संख्या

विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक ने पत्र में यह भी कहा है कि जरुआ बाग में रह रहे कश्मीरियों की संख्या पूर्व में कम थी लेकिन धीरे-धीरे बढ़ गई है। बताया गया है कि मेवा का कारोबार करने वाले इन कश्मीरियों की संख्या पहले इतनी अधिक नहीं थी लेकिन धीरे धीरे इनकी संख्या बढ़ गई है। एसपी ने सूचना के आधार का हवाला देते हुए कश्मीरियों की गतिविधियां संदिग्ध बताई है। इस पत्र को लेकर बिहार में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

संदिग्ध गतिविधियों को लेकर की शिकायत

एसपी ने पत्र में कहा है कि पुलवामा आतंकी अटैक के बाद वैशाली के स्थानीय हिंदू पुत्र संगठन के संयोजक राजीव ब्रह्मर्षि द्वारा अपने कुछ सदस्यों के साथ आकर कश्मीरियों की गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए क्षेत्र को छोड़ने का दबाव बनाया गया। इसके बाद मामला और गंभीर हो गया है। राजीव ब्रह्मर्षि का कहना है कि मामला जांच का विषय है। अचानक से संख्या बढ़ना और गतिविधियां संदिग्ध होना सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा है। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जानी चाहिए।

संवेदनशील है यह मामला

विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक ने पत्र की प्रतिलिपि गृह विशेष विभाग के उप सचिव के साथ विशेष शाखा के प्रभारी तकनीकी प्रशाखा को भेजते हुए कहा है कि मामला काफी संवेदनशील है। इसमें संबंधित लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रखते हुए विशेष रुप से प्रशासनिक सतर्कता बरती जानी चाहिए। इस मामले में आवश्यक कार्रवाई का भी उन्होंने निर्देश दिया है। विशेष शाखा के इस पत्र के बाद खुफिया तौर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस जरुआ के साथ साथ आस पास के अन्य इलाकों में खुफिया तौर पर निगरानी करते हुए सूचना जुटा रही है।

हो सकता है बड़ा खुलासा

सूत्रों की मानें तो नेपाल सीमा से सटे स्टेट हमेशा खुफिया रडार पर रहते हैं। आंतकवादी गतिविधियों के साथ अन्य देश विरोधी मंशा ऐसे ही एरिया में होती है। अचानक से किसी भी बाहरी लोगों की संख्या बढ़ती है तो उनकी गतिविधियां सवालों के घेरे में आ जाती है। कश्मीरियों की बढ़ोत्तरी भी कई तरह की आशंकाओं को जन्म दे रही है। खुफिया विभाग के सूत्रों की मानें तो कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।

इसलिए है संवेदनशील

पुलवामा अटैक के बाद अचानक से कश्मीरियों की संख्या बढ़ने का इनपुट मिला।

खुफिया इनपुट के मुताबिक नेपाल सीमा से लगने वाले प्रदेशों में इनकी संख्या बढ़ी है।

वैशाली जिले के जरुआ में अचानक से कश्मीरियों की संख्या बढ़ने की सूचना पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंची।

यहां पूर्व में रह रहे कश्मीरियों के साथ अधिक संख्या में कश्मीरी पुलवामा अटैक के बाद आकर रह रहे हैं।

कश्मीरी वैशाली में सूखे मेवा का कारोबार करते हैं और वह बाग व अन्य इलाकों में टेंट में रह रहे हैं।

आस पास के लोगों ने अचानक बढ़ी संख्या और संदिग्ध गतिविधियों को लेकर पुलिस हेडक्वार्टर को पत्र लिखा है।

Posted By: Inextlive