मंच उठाने के लिए गिर गया है कवि
- एलयू में आयोजित काव्य सर्जना कार्यक्रम में बोले व्यंग्कार सर्वेश अस्थाना
LUCKNOW: लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम काव्य सर्जना में व्यंग्यकार डॉ। सर्वेश अस्थाना ने अपनी शुरुआती साहित्यिक यात्रा के उदाहरण देते हुए कहा कविता का क सीखने के लिए भीतर से शिष्ट होना बेहद जरुरी हैं। आज मंच को उठाने के लिए कवि गिरा है और कविता छिछली हो गई है। डॉ। हरिओम ने कहा कविता को बारीकी से समझने की जरूरत है, क्योंकि कविता को आप कहीं पहुंचाएं या नहीं, लेकिन कविता आपको कहीं भी पहुंचा सकती है। मालवीय सभागार में विवि की ओर से आयोजित काव्य सर्जना कार्यशाला में मुख्यअतिथि के रुप में हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह रहे। जबकि अध्यक्षता कुलपति डॉ एसबी निमसे ने की। शब्दावली करें मजबूतकार्यक्रम में बोलते हुए शायर डॉ कलीम कैसर ने युवा रचनाकारों को संबोधित करते हुए कहा अगर आपको बेहतर लिखना है तो संस्कार, शैली और अपनी शब्दावली को मजबूत करना होगा। बेहतर लिखने के लिए अपने ख्यालात को रचनाओं में उतारें। जबकि कवियत्री डॉ। सरिता शर्मा ने कहा आजादी से आज तक की परंपरा में कविता ने हमेशा अपनी अहम भूमिका निभाई है। तब से आज तक कविता में बहुत परिवर्तन हुआ है, इस वैश्वीकरण में मंच भी अछूते नहीं रहे। इसके अलावा कार्यक्रम में हिंदी संस्थान के निदेशक मनीष शुक्ल, विवि के रजिस्ट्रार डॉ। अखिलेश मिश्र, एनके पांडेय समेत कई साहित्यकार मौजूद थे.वक्ता के रुप में आईएएस डॉ हरिओम, कवियत्री डॉ सरिता शर्मा, आदि ने अपने विचार रखे।